बुधवार, 11 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. हिन्दू धर्म
  4. Why do Hindus worship the cow
Written By

गाय की सेवा करेंगे तो धन-संपत्ति के साथ मिलेगा इतना कुछ कि संभाल नहीं पाओगे, पढ़ें 11 शुभ बातें

गाय की सेवा करेंगे तो धन-संपत्ति के साथ मिलेगा इतना कुछ कि संभाल नहीं पाओगे, पढ़ें 11 शुभ बातें । Cattle in religion and mythology - Why do Hindus worship the cow
- अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
 
* हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में 33 कोटि देवी-देवता निवास करते हैं। कोटि का अर्थ करोड़ नहीं, प्रकार होता है। इसका मतलब गाय में 33 प्रकार के देवता निवास करते हैं। ये देवता हैं- 12 आदित्य, 8 वसु, 11 रुद्र और 2 अश्‍विन कुमार। ये मिलकर कुल 33 होते हैं।
 
* भगवान शिव के प्रिय पत्र ‘बिल्वपत्र’की उत्पत्ति गाय के गोबर में से ही हुई थी।
 
* ऋग्वेद ने गाय को अघन्या कहा है। यजुर्वेद कहता है कि गौ अनुपमेय है। अथर्ववेद में गाय को संपतियों का घर कहा गया है। 
 
* पौराणिक मान्यताओं व श्रुतियों के अनुसार, गौएं साक्षात विष्णु रूप है, गौएं सर्व वेदमयी और वेद गौमय है। भगवान श्रीकृष्ण को सारा ज्ञानकोष गोचरण से ही प्राप्त हुआ। 
 
* भगवान राम के पूर्वज महाराजा दिलीप नंदिनी गाय की पूजा करते थे। 
 
* गणेश भगवान का सिर कटने पर शिव जी ने एक गाय दान करने का दंड रखा गया था और वहीं पार्वती को देनी पड़ी। 
 
* भगवान भोलेनाथ का वाहन नंदी दक्षिण भारत की आंगोल नस्ल का सांड था। जैन आदि तीर्थकर भगवान ऋषभदेव का चिह्न बैल था।
 
* गरुड़ पुराण अनुसार वैतरणी पार करने के लिए गोदान का महत्व बताया गया है।

 
* शास्त्रों और विद्वानों के अनुसार कुछ पशु-पक्षी ऐसे हैं, जो आत्मा की विकास यात्रा के अंतिम पड़ाव पर होते हैं। उनमें से गाय भी एक है। इसके बाद उस आत्मा को मनुष्य योनि में आना ही होता है।
 
* श्राद्ध कर्म में भी गाय के दूध की खीर का प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसी खीर से पितरों की ज्यादा से ज्यादा तृप्ति होती है। 
 
* इस देश में लोगों की बोलियां खाने पीने के तरीके अलग हैं पर पृथ्वी की तरह ही सीधी-साधी गाय भी बिना विरोध के मनुष्य को सब देती है।
 
* कत्लखाने जा रही गाय को छुड़ाकर उसके पालन-पोषण की व्यवस्था करने पर मनुष्य को गौयज्ञ का फल मिलता है।
 
गाय से संबंधित धार्मिक वृत व उपवासः-
 
1. गोवर्धन पूजाः- इस लोक के समस्त सुखों में वृद्धि के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 
2. गोवत्स द्वादशी व्रतः- इस व्रत से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
 
3. गोपद्वमव्रतः- सुख, सौभाग्य, संपत्ति, पुत्र, पौत्र, आदि के सुखों को देने वाला है।
 
4. पयोव्रतः- पुत्र की प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों को संतान प्राप्ति होती है।
 
5. गोपाअष्टमीः- सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है।
 
6. गोत्रि-रात्र व्रतः- पुत्र प्राप्ति, सुख भोग और गोलोक की प्राप्ति होती है।

 
ये भी पढ़ें
कहीं आपकी राशि सर्पधर या समुद्री नाग तो नहीं, जानिए रहस्य