कुछ साल पहले मशहूर एक्ट्रेस और मॉडल लीजा रे को 'मल्टिपल मायलोमा' हुआ था। दरअसल यह ब्लड कैंसर का ही एक प्रकार है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को खून में व्हाइट बल्ड सैल संबंधी शिकायत हो जाती है। इस बीमारी में कैंसर कोशिकाएं बोन मैरो में एकत्रित होने लगती है और स्वस्थ कोशिकाएं को भी प्रभावित करती है।
'मल्टीपल मायलोमा' होने पर गुर्दे/किडनी के रोगों की आशंका भी बढ़ जाती है, क्योंकि ये कैंसर कोशिकाएं असामान्य प्रोटीन पैदा करने लगती हैं जो गुर्दे/किडनी के काम में बाधा बनती हैं।
आइए, जानते हैं मल्टिपल मायलोमा के लक्षण -
1 पीठ या पसलियों और हड्डी में अक्सर दर्द होना
2 छोटी-मोटी चोट से हड्डियों का टूटना
3 कमजोरी और थकान महसूस होना
4 बिना प्रयास वजन घटाने लगना
5 जल्दी-जल्दी संक्रमण और बुखार होना
6 ज्यादा प्यास लगना
7 ज्यादा पेशाब लगना
8 शरीर में खून की कमी होना
9 जी मिचलाना, उलझन होना और भूख न लगना
आइए, अब जानते हैं कि किन लोगों को होता है इस बीमारी का खतरा और कैसे होता है इलाज -
* एल्कोहल पदार्थों का अत्यधिक सेवन करने वालों को।
* आमतौत पर ये बीमारी 50 साल के बाद ही होती है, लेकिन कई मामलों में कम उम्र के लोग भी इस बीमारी का शिकार हुए है।
* ये बीमारी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को ज्यादा शिकार बनाती है।
* इस बीमारी में बोन मैरो सबसे ज्यादा प्रभावित होता है इसलिए इस बीमारी की पहचान बोन मैरो की जांच, खून की जांच, लीवर और गुर्दे की सामान्य जांचों से हो जाती है।
* नार्मल कीमोथेरेपी के जरिए अब इस बीमारी को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। वहीं बोन मैरो ट्रांसप्लांट से इसे पूरे तरह से ठीक किया जा सकता है।