Guru Purnima Aarti : गुरु पूर्णिमा की आरती  
					
					
                                       
                  
				  
                  				  
	गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु आरती करने का विशेष महत्व है। गुरु आरती करने का मतलब सिर्फ दिखावा भर न होकर, यह तो अपने अंतकरण में, हृदय में उठ रहे भावों की व्याख्या हैं। अपने मन को अहंकार से दूर रखने, मन को पवित्र करने और भगवान तक पहुंचने की सीढ़ी है। यहां आपके लिए पेश है गुरु पूर्णिमा की आरती.... 
				  																	
									  
	 
	सद्गुरु की आरती
	 
	ॐ ये देवासो दिव्येकादशस्थ पृथिव्या मध्येकादश स्थ।
				  
	 
	अप्सुक्षितो महिनैकादश स्थ ते देवासो यज्ञमिमं जुषध्वम्॥
	 
	ॐ अग्निर्देवता व्वातो देवता सूर्य्यो देवता चंद्रमा देवता।
				  						
						
																							
									  
	 
	व्वसवो देवता रुद्द्रा देवता ऽऽदित्या देवता मरुतो देवता।
	व्विश्वेदेवा देवता बृहस्पति द्देवतेन्द्रो देवता व्वरुणो देवता।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	 
	कर्पूर गौरं करुणावतारं संसार सारं भुजगेन्द्रहारम्।
	 
	सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानी सहितं नमामि॥