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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 4 सितम्बर 2024 (16:15 IST)

Ganesh Chaturthi 2024: इस गणेशोत्सव के दौरान मुंबई के इन पंडालों में सजेगा बप्पा का दरबार

गणपति उत्सव के दौरान यहां लगता है भक्तों का तांतां, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में रहता है चरम उत्साह

Lord ganesh AI images
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Ganesh Chaturthi Special:  बप्पा के भक्त उनके स्वागत के लिए पलक पावड़े बिछा कर इंतज़ार कर रहे हैं। उनकी ये प्रतीक्षा जल्दी ही ख़त्म हो रही है और फिर घर-घर में बप्पा विराजेंगे। पूरी मायानगरी मुंबई में गणेशोत्सव की खास तैयारिया होती हैं। इस दौरान बच्चे से लेकर हर आयु के भक्तों का उत्साह चरम पर रहता है।
अगर इस साल गणेश चतुर्थी पर आप मुंबई के पंडालों में घूमना चाहते हैं तो आज इस आलेख में हम यहां आपको मुंबई के उन पंडालों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें इस साल गणेशोत्सव के दौरान जरूर देखन चाहिए। ALSO READ: ठाणे के टिटवाला सिद्धिविनायक महागणपति मंदिर जिसका देवी शकुंतला ने किया था निर्माण


अंधेरी चा राजा:
मुंबई के अंधेरी इलाके में वर्ष 1966 में ब्रिटिश कंपनी के लिए नील का उत्पादन करने वाले मजदूरों/किसानों ने इस गणेशोत्सव की शुरुआत की थी। लालबाग चा राजा के बाद सबसे ज्यादा धूम इसी गणेशोत्सव मंडल के विसर्जन जुलूस में देखने को मिलती है। इस गणेशोत्सव पंडाल में भी बड़ी संख्या में फिल्मी दुनिया से सितारे बाप्पा के दर्शन करने पहुंचते हैं।

लालबाग चा राजा : मुंबई में 'लालबाग चा राजा' कोई पूजा पंडाल या मंडल नहीं बल्कि यह मुंबई के गणेशोत्सव की पहचान है। दक्षिण मुंबई के लालबाग इलाके में स्थित 'लालबाग चा राजा' के दर्शन के लिए भक्तों में भारी उत्साह रहता है। लाखों की संख्या में हर साल आम लोगों के साथ ही कई क्षेत्रों के दिग्गज और फिल्मी सितारे भी बड़ी तादाद में ही 'लालबाग चा राजा' के दर्शन करने पहुंचते हैं।

जीएसबी सेवा मंडल:
मुंबई के किंग्स सर्कल पर जीएसबी सेवा मंडल की or से आयोजित गणपति पूजा के लिए भक्तों में खासा उत्साह रहता है। यहां स्थापित  महा गणपति को प्रतिवर्ष 295 किलो से ज्यादा चांदी और 66 किलो से ज्यादा वजन के स्वर्ण आभूषणों से सज्जित किया जाता है।

खेतवाडी चा गणराज:
मुंबई के ग्रैंट रोड में खेतवाडी के 12वें लेन में होती है 'खेतवाडी चा गणराज' की पूजा। यहां पारंपरिक तरीके से भगवान गणेश की पूजा होती है। 'खेतवाडी चा गणराज' को कई अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है।

इस गणेशोत्सव मंडल की खासियत यह है कि यहां पंडाल को अलग अंदाज में भले ही सजाया जाए लेकिन भगवान गणेश के स्वरूप में कोई बदलाव नहीं किया जाता है। यहां सालों से भगवान गणेश की एक ही प्रकार की प्रतिमा की पूजा की जाती है।

गणेश गली मुंबई चा राजा:
गणेश गली मुंबई चा राजा गणेशोत्सव मंडल आजादी से पहले, वर्ष 1928 में, स्थापित किया गया था। असल में ये गणेशोत्सव मंडल सिर्फ पुराना ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक भी है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान गणपति के दर्शन करने आते हैं।
लालबाग चा राजा के पास ही मजूद है गणेश गली जहाँ होती है 'मुंबई चा राजा' की पूजा। हर साल यहां नई थीम पर पंडाल को सजाया जाता है।

केशवजी नायक चौल:
साल 1893 में मुंबई के गिरगांव में केशवजी नायक चौल की गणेश पूजा की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक की प्रेरणा से हुई थी।
पिछले करीब 132 सालों से केशवजी नायक चौल में गणेश चतुर्थी उत्सव का आयोजन होता आ रहा है। कहा जाता है कि यह मुंबई ही नहीं बल्कि पूरे महाराष्ट्र का पहला सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल है।

गिरगांव चा राजा:
कहा जाता है कि मुंबई में 'गिरगांव चा राजा' गणेशोत्सव की शुरुआत भी स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने ही की थी। यहां 10 दिनों तक विशाल आकार वाले मिट्टी से बने भगवान गणेश की प्रतिमा का पूजन  किया जाता है। इस गणेशोत्सव पंडाल में भगवान गणेश को महाराष्ट्र का प्रतिष्ठित फेटा (पगड़ी) बांधा जाता है।

चिंचपोकली चा राजा:
मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणेशोत्सव पंडालों में से एक है 'चिंचपोकली चा राजा', जिन्हें चिंतामणी के नाम से भी जाना जाता है। यहां सिर्फ भगवान गणेश की पूजा के साथ पंडाल का अनोखा डिजाइन की भी लोग खूब सराहना करते हैं। चिंचपोकली में होने वाले इस गणेश चतुर्थी पंडाल में भगवान के दर्शन करने के लिए दूर-दराज के इलाकों से भी श्रद्धालु आते रहते हैं। साथ ही इस प्रसिद्ध गणेश पंडाल से समय-समय पर किया जाने वाला समाज सेवा का काम भी बहुत प्रशंसा प्राप्त करता है।