गुरुवार, 12 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. गणेश चतुर्थी 2024
  3. गणेश चतुर्थी: इतिहास-संस्कृति
  4. Ganesh ek dant katha Ganesh ji ka dant kisne toda tha
Written By WD Feature Desk
Last Modified: गुरुवार, 12 सितम्बर 2024 (12:05 IST)

Ganesh utsav 2024: गणेश जी का दांत कैसे टूटा, जानिए 4 रोचक कथाएं

Ganesh ek dant katha: गणेशजी की एकदंत कथा

happy ganesh chaturthi wishes
Ganesh ek dant katha: भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक भगवान गणेश जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। पुराणों में गणेश जी के दांत के टूटने की 4 कथाएं मिलती हैं। गणेशजी का दांत किसने तोड़ा या उन्होंने खुद ने ही तोड़ लिया इसको लेकर कुछ कथाएं। आओ जानते है उन सभी कथाओं को संक्षिप्त में। ALSO READ: Ganesh Chaturthi 2024: गणेश जी के मस्तक की रोचक कथा
 
‘एकशब्दात्मिका माया, तस्याः सर्वसमुद्भवम्। दंतः सत्ताधरस्तत्र मायाचालक उच्यते।।’
अर्थात : एक का अर्थ है ‘माया’ और दंत का अर्थ है ‘मायिक’। यानी माया और मायिक का संयोग होने के कारण गणेशजी एकदंत कहलाते हैं।
 
1. पहली कथा भविष्य पुराण के अनुसार है। हालांकि इस पुराण को मध्यकाल में ही लिखा होना माना जाता है इसीलिए इसकी कई बातों पर विवाद है। कहते हैं कि एक बार गणेशजी के बड़े भाई कार्तिकेय स्त्री पुरुषों के लक्षणों पर कोई ग्रंथ लिख रहे थे। उनके इस कार्य में गणेशजी ने विघ्न डाल दिया जिससे क्रोधित होकर कार्तिकेय ने उनके एक दांत को पकड़कर तोड़ दिया। फिर कार्तिकेय ने शिवजी के कहने पर वह दांत वापस गणेशजी को दिया और कहा कि इस दांत को तुम अपने से अलग करोगे तो भस्म हो जाओगे। यह कथा संभवत: भविष्य पुराण के चतुर्थी कल्प में है।ALSO READ: Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी : भगवान गणेश के मूषक की रोचक कथा
 
2. दूसरी कथा हमें गशेण पुराण के चतुर्थ खंड में मिलती है कि एक बार शिवजी की तरह ही गणेशजी ने कैलाश पर्वत पर जाने से परशुरामजी को रोक दिया था। उस समय परशुमरा कर्तवीर्य अर्जुन का वध करके कैलाश पर शिव के दर्शन की अभिलाषा से गए हुए थे। वे शिव के परम भक्त थे। गणेशजी के रोकने पर परशुरामजी ‍गणेशजी से युद्ध करने लगे। गणेशजी ने उन्हें धूल चटा दी तब मजबूर होकर उन्होंने शिव के दिए हुए फरसे का उन पर प्रयोग किया जिसके चलते गणेशजी का बायां दांत टूट गया। तभी से वह एकदंत कहलाने लगे। इस कथा को ही सबसे प्रमाणिक और सही माना जाता है।
Lord ganesh AI generated
3. तीसरी कथानुसार कहते हैं कि एक बार गजमुखासुर नामक असुर को वरदान प्राप्त था कि वह किसी भी अस्त्र-शस्त्र से नहीं मारा जा सकता। इसीलिए वह ऋषि मुनियों को परेशान करता रहता था। ऋषि मुनियों ने जब प्रार्थना की तो गणेशजी ने इससे युद्ध किया और इस दौरान असुर को वश में करने के लिए गणेश जी को अपना एक दांत स्वयं ही तोड़ना पड़ा था।
 
4. चौथी कथानुसार महर्षि वेद व्यासजी ने गणेशजी से महाभारत लिखने की प्रार्थना की तो उन्होंने कहा कि इस शर्त पर लिखूंगा कि आप बीच में ही बोलना न रोकेंगे। तब महर्षि ने भी एक शर्त की आप जो भी लिखेंगे वह उसे समझकर ही लिखेंगे। गणेशजी भी शर्त मान गए। अब दोनों ने काम शुरू किया और महाभारत के लेखन का काम प्रारंभ हुआ। महर्षि के तेजी से बोलने के कारण कुछ देर लिखने के बाद अचानक से गणेशजी की कलम टूट गई। अब अपने काम में बाधा को दूर करने के लिए उन्होंने अपने एक दांत को तोड़ दिया और स्याही में डूबाकर महाभारत की कथा लिखने लगे।ALSO READ: भाद्रपद चतुर्थी पर चंद्रदर्शन करने से लगता है कलंक, इस कथा को पढ़ने से होगा निवारण
ये भी पढ़ें
Ganesh utsav 2024: गणेश उत्सव पर भगवान गणपति को सातवें दिन कौनसा भोग लगाएं और प्रसाद चढ़ाएं