• Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. फीफा विश्व कप 2018
  4. FIFA World Cup 2018 World Cup Football Russia

FIFA WC 2018 : महिलाओं में भी बढ़ रहा है फुटबॉल का आकर्षण, कुछ के लिए 'विश्व कप' बन जाता है 'सौतन

FIFA WC 2018 : महिलाओं में भी बढ़ रहा है फुटबॉल का आकर्षण, कुछ के लिए 'विश्व कप' बन जाता है 'सौतन - FIFA World Cup 2018 World Cup Football Russia
रूस में 14 जून से 15 जुलाई तक खेले जाने वाले फीफा विश्व कप के लिए जबरदस्त माहौल है और यहां पर फुटबॉल दीवानों की टोलियां का पहुंचना शुरू हो गया है। हर चार साल में आयोजित होने वाले फुटबॉल के इस महाकुंभ को लेकर जहां पुरुषों में अजीब-सा जोश रहता है, वहीं दूसरी ओर कई देशों की महिलाओं के लिए यह खेल 'सौतन' बन जाता है।
 
 
सुंदरता की तरफ कोई एक नजर भी उठाकर नहीं देखता : महिलाओं का आरोप है कि हमारे शौहर दुनिया के सबसे बड़े मेले में इस कदर खो जाते हैं कि उनका ध्यान हमारी तरफ जाता ही नहीं कि उनकी कोई बीवी भी है। फुटबॉल के आलम में वे खाना-पीना तक भूल जाते हैं। यूरोप में जहां कहीं देखो वहां पुरुषों का जमावड़ा नजर होता है और वे मैचों पर ही चर्चा करते हैं। इन महिलाओं का कहना है विश्व कप शुरू होते ही हम एक तरह से बेकार की चीज हो जाती हैं। हमारी सुंदरता की तरफ कोई एक नजर भी उठाकर नहीं देखता... 
रातोंरात सुर्खियों में आ जाती हैं सुंदरियां : देखा जाए तो फुटबॉल को मर्दों का खेल माना जाता है लेकिन विश्व कप शुरु होते ही स्टेडियमों में पुरुषों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी नजर आने लगती हैं वह भी बहुत कम वस्त्रों में.. उनकी चाहत इतनी भर रहती है कि वे कैमरों में कैद हो जाएं और रातोंरात पूरी दुनिया उनकी सुंदरता और सेक्सी अदा से रूबरू हो जाएं।  
 
कैमरामैन भी होते हैं बड़े उस्ताद : मैच को कवर कर रहे कैमरामैन भी इतने उस्ताद रहते हैं कि वे गोल या इंजुरी टाइम के दौरान फौरन कैमरा दर्शकों की तरफ मोड़ देते हैं। पता नहीं दुनिया की कौनसी सुंदरी इसमें कैद हो जाए। पिछले कई विश्व कप स्टेडियम के भीतर सुंदर-सजीली सुंदरियों को कैद करने में पीछे नहीं रहे हैं। 
अधिक युवतियां हमारी टूर कंपनी में आने लगी : बर्लिन में रहने वाली पेट्रा विएटेन जो अपने पति के साथ एक टूर कंपनी चलाती हैं। उनका भी मानना है कि पहले से कहीं अधिक युवतियां हमारी टूर कंपनी में आने लगी हैं। पेट्रा की कंपनी दुनिया भर में होने वाले फुटबॉल मैचों में इस खेल के दीवानों को लाने-ले जाने का काम करती है। आजकल स्टेडियमों में सभी तरह की सुविधाएं मौजूद रहने लगी हैं। मसलन खाने-पीने की कोई फिक्र नहीं रहती, लिहाजा फुटबॉल मैच उनके लिए पिकनिक के समान हो गए हैं।
 
सौतन भी बन जाता है विश्व कप : जो महिलाएं स्टेडियमों तक पहुंचने में सफल हो जाती हैं, उनके लिए तो विश्व कप स्वर्ग समान हो जाता है लेकिन कुछ महिलाओं के लिए ये सौतन भी साबित होता है। घरेलू और कामकाजी महिलाएं विश्व कप को सौतन मानती हैं जबकि पुरुषों के लिए यह रोमांच की सौगात बन गई है।
विश्व कप शुरू होते ही पारा सातवें आसमान पर : जैसे ही विश्व कप का महासंग्राम शुरू होता है, वैसे ही महिलाओं का पारा सातवें आसमान को छूने लगता है। इसकी वजह यह है कि उनकी कोई पूछपरख नहीं होती और एक माह तक पुरुष उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। घरेलू और कामकाजी महिलाओं का बस चले तो वे विश्व कप का आयोजन ही नहीं होने दें।
 
अमेरिकी देशों में फुटबॉल का जुनून : फुटबॉल में लैटिन अमेरिकी देशों का आलम देखते ही बनता है। इन देशों के फुटबॉल प्रेमी महीने भर के लिए खुद को खेल के जुनून में इस कदर डुबो देते हैं कि उन्हें दीन-दुनिया की कोई फिक्र नहीं रहती। उनके लिए फुटबॉल और सिर्फ फुटबॉल, इसके अलावा उन्हें कुछ नजर नहीं आता।
फुटबॉल के लिए 1 महीने की छुट्‍टी : यूरोप में तो कई फुटबॉल दीवाने अपनी छुट्‍टियां विश्व कप के लिए बचाकर रखते हैं। जैसे ही विश्व कप शुरू होने को होता है, वे एक माह की छुट्‍टी पर चले जाते हैं। रूस में इन दिनों बेहतरीन मौसम है और सभी को 14 जून से शुरू होने वाले फुटबॉल महासंग्राम का इंतजार है। 
ये भी पढ़ें
अफगानिस्तान ने पहले टी-20 मुकाबले में बांग्लादेश को हराया, राशिद फिर चमके