फीफा विश्व कप में मेजबान रूस को डोप टेस्ट का हक नहीं
मॉस्को। सरकार प्रायोजित डोपिंग के आरोपों का सामना कर रहा रूस अगले महीने फीफा के फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी तो करेगा लेकिन उसे इस दौरान खिलाड़ियों के डोप टेस्ट प्रक्रिया में हिस्सा लेने नहीं दिया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) ने गुरुवार को बताया कि वैश्विक संस्था इस बात को सुनिश्चित करना चाहती है कि विश्व कप के दौरान खिलाड़ियों के नमूनों के साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए। फीफा की मेडिकल समिति के अध्यक्ष माइकल डी होगे ने यह बात कही है।
वर्ष 2016 की रिपोर्ट में विश्व डोपिंगरोधी एजेंसी (वाडा) ने खेल मामलों के वकील रिचर्ड मैकलारेन ने खुलासा किया था कि पिछले 5 वर्षों में 1,000 से अधिक रूसी एथलीटों ने डोपिंग की है। इस रिपोर्ट में फुटबॉल को भी शामिल किया गया था। ऐसे में जब रूस की ही मेजबानी में विश्व कप होने जा रहा है तब फीफा कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता है।
डी होगे ने कहा कि रूस में मेरा डोपिंगरोधी नीति को लागू करने का एक ही तरीका होगा कि शुरुआत से आखिरी तक सब कुछ फीफा द्वारा ही किया जाए और उसमें रूस का कोई भी हस्तक्षेप न हो। मैदान पर खिलाड़ियों को लाने वाले सहयोगी भी यहां फीफा के ही होंगे।
फीफा अधिकारी ने कहा कि खिलाड़ियों को जिन डोपिंग कंट्रोल रूम में लाया जाएगा, वहां केवल फीफा के डॉक्टर और फीफा के 2 लोग होंगे। इसके अलावा अन्य किसी को आने की इजाजत नहीं होगी। नमूनों को लुसाने की लैब में ले जाया जाएगा। मैंने रूसी लोगों को कहा है कि सारी जिम्मेदारी फीफा की रहेगी और अब कुछ भी गलत हुआ तो रूस को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। (वार्ता)