उपलब्धि है? साहित्यकार, मूर्तिकार, चित्रकार, काष्ठकार जैस कितने 'कार' हैं जो इस सुख को बार-बार पी लेना चाहते हैं, पीते हैं और अतृप्त बने रहते हैं। हर बार कुछ नया, कुछ अलग करने की त्वरा उन्हें स्वप्न और संकल्प, कल्पना और कोशिश एवं ऊर्जा और उमंग से ...