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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 1 जुलाई 2024 (16:53 IST)

योगिनी एकादशी का व्रत क्यों रखा जाता है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

योगिनी एकादशी का व्रत क्यों रखा जाता है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त - Yogini Ekadashi Muhurat 2024
Yogini Ekadashi 2024

Highlights : 
 
* योगिनी एकादशी कब है। 
* क्यों रखा जाता है एकादशी का व्रत।  
* योगिनी एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त जानें।  
yogini ekadashi : प्रतिवर्ष आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर 'योगिनी एकादशी' का व्रत रखा जाता है। इस व्रत का खास उद्देश्य मोक्ष पाना तथा पापों को दूर करना हैं।  र्ष 2024 में 02 जुलाई, मंगलवार को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा। इस दिन मिट्टी और काले तिल के उबटन स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। 
धार्मिक शास्त्रों में एकादशी व्रत के दिन उपवास करने का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। मान्यता के नुसार एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वाले मनुष्य को दशमी से ही कुछ नियमों का ध्यान अवश्य ही रखना चाहिए तथा सावधानीपूर्वक यह व्रत करना चाहिए। यह एकादशी मोक्ष देने वाली तथा तीनों लोकों में प्रसिद्ध मानी जाती है। इस दिन भगवान लक्ष्मी-नारायण का पूजन का विशेष महत्व है।

यह व्रत कल्पतरू के समान माने जाने के कारण इसके प्रभाव से सभी कष्‍ट, श्राप से ग्रसित है तो दूर होते हैं समस्त पापों से मुक्ति दिलाकर इस एकादशी से अच्छे फल मिलते है। अतः  समस्त पाप दूर होकर स्वर्ग और मोक्ष प्राप्ति के लिए ये व्रत किया जाता हैं।  
आइए यहां जानिए योगिनी एकादशी पर कौनसे हैं... 
 
02 जुलाई 2024, मंगलवार के योग और पर्व : 
 
त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, विडाल योग मासिक कार्तिगाई, योगिनी एकादशी, 
 
योगिनी एकादशी:  02 जुलाई 2024, मंगलवार के मुहूर्त : Yogini Ekadashi 2024 Muhurat
 
आषाढ़ कृष्ण एकादशी प्रारम्भ- 01 जुलाई 2024, सोमवार को अपराह्न 10.26 से, 
योगिनी एकादशी की समाप्त- 02 जुलाई 2024, मंगलवार की 08.42 ए एम पर।  
 
शुभ समय : 
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04.07 से 04.47 तक। 
प्रातः सन्ध्या- सुबह 04.27 से 05.27 तक। 
अभिजित मुहूर्त- अपराह्न 11.57 सुबह से 12.53 तक।  
विजय मुहूर्त- अपराह्न 02.45 अपराह्न से 03.40 तक। 
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07.22 से 07.42 तक। 
सायाह्न सन्ध्या- शाम 07.23 से रात्रि 08.24 तक। 
अमृत काल- 03 जुलाई सुबह 02.20 से 03.53 तक। 
निशिता मुहूर्त- 03 जुलाई को 12.05 से 12.46 तक। 
त्रिपुष्कर योग- 03 जुलाई को सुबह 08.42 से 04.40 तक। 
सर्वार्थ सिद्धि योग- 03 जुलाई को सुबह 05.27 से 04.40 तक। 
 
दिन का चौघड़िया
चर- सुबह 08.56 से 10.41 तक। 
लाभ- सुबह 10.41 से अपराह्न 12.25 तक। 
अमृत- दोपहर 12.25 से 02.10 तक। 
शुभ -दोपहर 03.54 से 05.39 तक। 
 
रात्रि का चौघड़िया
लाभ- 08.39 रात से 09.54 रात तक। 
शुभ- रात 11.10 से 03 जुलाई 12.25 सुबह तक। 
अमृत- सुबह 12.25 से 01.41 तक। 
चर- सुबह 01.41 से 03 जुलाई 02.57 तक। 
 
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