dussehra 2019 : विजयादशमी पर 'विजय मुहूर्त' में करें शस्त्र पूजन, पढ़ें पौराणिक महत्व
रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम ने रावण को हराने के लिए युद्ध का प्रारंभ एक विशेष मुहूर्त में किया था। महाभारत में भी विजय मुहूर्त का उल्लेख है। कहते हैं कि इसी मुहूर्त में शमी नामक पेड़ ने अर्जुन के गाण्डीव नामक धनुष का रूप लिया था।
विजय मुहूर्त : इस समय कोई भी पूजा या कार्य करने से अच्छा परिणाम प्राप्त होता है। इस पूजा में मां जगदंबा का अपराजिता स्तोत्र करना बड़ा ही पवित्र माना जाता है।
यही वजह है कि क्षत्रिय, योद्धा एवं सैनिक इस दिन अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं। यह पूजा आयुध/शस्त्र पूजा के रूप में भी जानी जाती है। वे इस दिन शमी पूजन भी करते हैं।