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Last Updated : शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2022 (15:47 IST)

धनतेरस कब है 22 या 23 अक्टूबर 2022, जाने सही तिथि, पूजा एवं खरीदारी के सबसे अच्‍छे मुहूर्त और 5 अचूक उपाय

धनतेरस कब है 22 या 23 अक्टूबर 2022, जाने सही तिथि, पूजा एवं खरीदारी के सबसे अच्‍छे मुहूर्त और 5 अचूक उपाय - Dhanteras ki puja ke shubh muhurt kharidi ka yoga 2022
Dhanteras kab hai 2022 : धनतेरस को लेकर असमंजस की स्थिति है। दरअसल, इस बार आश्‍विन माह की अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण होने के कारण दीपावली का पर्व 25 की बजाया 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस मान से धनतेरस की तिथि भी बदली है। धनतेरस से ही दिवाली उत्सव की शुरुआत होती है। धनतेरस के दिन ही सोना, चांदी, बर्तन और कपड़े खरीदते हैं। इसी के साथ ही इस दिन यमदेव, चित्रगुप्त और भगवान धन्वंतरि देव की पूजा भी होती है। इस दिन घर में 13 दीये जलाना शुभ होता है।
 
कब है धनतेरस का पर्व : इस बार 22 तारीख शनिवार को द्वादशी तिथि 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगी इसके बाद त्रयोदशी तिथि प्रारंभ होगी। त्रयोदशी अगले दिन यानी 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के मान से 23 अक्टूबर को ही धनतेरस मनाया जाना उचित है।
 
खरीद का सबसे अच्‍छा मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त है : सुबह 11:59 से दोपहर 12:46 तक। इस मुहूर्त में पूजा और खरीदारी दोनों कर सकते हैं।
 
23 अक्टूबर 2022 धनतेरस के शुभ मुहूर्त | Dhanteras ke shubh muhurt 2022:
 
- धनतेरस पूजा के सबसे अच्छा शुभ मुहूर्त : शाम 05:44 से 06:06 तक।
- अभिजित मुहूर्त : सुबह 11:59 से दोपहर 12:46 तक। इस मुहूर्त में पूजा और खरीदारी दोनों कर सकते हैं।
- विजय मुहूर्त : दोपहर 02:18 से 03:05 तक। इस मुहूर्त में भी खरीदारी कर सकते हैं।
 
23 अक्टूबर 2022 धनतेरस के शुभ योग | Dhanteras ke shubh yog 2022:
 
- सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन रहेगा।
- अमृत सिद्धि योग : दोपहर 02:34 से प्रारंभ होगर अगले दिन सुबह 06:35 तक रहेगा।
धनतेरस के 5 उपाय बना देंगे आपको मालामाल | Dhanteras ke upay in hindi:
 
1. पांच देवों की पूजा : धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, लक्ष्मी, कुबेर, यम और गणेशजी की पूजा होती के साथ ही गाय की पूजा करें और उसे हरा चारा खिलाएं।
 
2. दीपदान : धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त जिस घर में दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु नहीं होती है। यम के नाम का दीपक परिवार के सभी सदस्यों के घर आने और खाने-पीने के बाद सोते समय जलाया जाता है। इस दीप को जलाने के लिए पुराने दीपक का उपयोग किया जाता है जिसमें सरसों का तेल डाला जाता है। यह दीपक घर से बाहर दक्षिण की ओर मुख कर नाली या कूड़े के ढेर के पास रख दिया जाता है।
 
3. खरीदें धनिया : धन तेरस के दिन सोना खरीदने का प्रचलन है। सोना नहीं खरीद सकते हैं तो पीतल का बर्तन खरीदें। यह दोनों वस्तुएं नहीं खरीद सकते हैं तो पीली कौड़ियां और धनिया खरीदें। खासकर धनिया खरीदना बहुत ही शुभ होता है। 
 
4. कौड़ियां : धनतेरस के दिन आप कौड़ियां खरीदें और यदि वे पीली ना हो तो उन्हें हल्दी के घोल में पीला कर लें। बाद में इनकी पूजा कर अपनी तिजोरी में रखें।
 
5. काली हल्दी : धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त देखकर बाजार से गांठ वाली पीली हल्दी अथवा काली हल्दी को घर लाएं। इस हल्दी को कोरे कपड़े पर रखकर स्थापित करें तथा षडोशपचार से पूजन करें।
 
6. नई झाड़ू खरीदें : धन तेरस पर नई झाड़ू खरीदकर उसकी पूजा की जाती है। घर में नई झाड़ू लाने के अलावा आप किसी मंदिर में या किसी सफाई कर्मी को अच्‍छी वाली झाड़ू खरीदकर दान कर सकते हैं। इससे लक्ष्मी माता आप पर प्रसन्न होंगी।