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Last Updated : मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023 (17:40 IST)

India vs Australia Test Series : प्यार के महीने में शुरू हो रही है साल की सबसे बड़ी जंग

India vs Australia Test Series : प्यार के महीने में शुरू हो रही है साल की सबसे बड़ी जंग  | India Australia test series preview and analysis of strength and weaknes of teams
साल 2023 की टेस्ट सीरिज की बात की जाए तो सबसे बड़ी भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरिज को कहा जा सकता है जो 9 फरवरी से शुरू होने जा रही है। भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ी एलन बॉर्डर के नाम पर आधारित बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए दोनों टीमें जोर-आजमाइश करती हैं। वैसे तो ऑस्ट्रेलिया को सबसे ज्यादा मजा इंग्लैंड को हराने में आता है, लेकिन इस समय इंग्लैंड से भी बड़ा प्रतिद्वंद्वी उसका टीम इंडिया है। टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया की रातों की नींद छीन रखी है। पिछले तीन बार से टीम इंडिया ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने कब्जे में कर रखी है। ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में जाकर भी पीट आए है जिससे ऑस्ट्रेलिया टीम खार खाए बैठी है और किसी भी तरह से इस ट्रॉफी को फिर हाथों में उठाना चाहती है। ऑस्ट्रेलिया नि:संदेह दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में से एक है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से भारतीय क्रिकेट टीम ने उनके वर्चस्व को चुनौती दे रखी है। ऑस्ट्रेलिया कसमसा रहा है कि भारतीय टीम को उसकी मांद में मात देकर वह फिर राजा बन जाए लेकिन टीम इंडिया को उसकी सरजमीं पर मात देना इतना आसान नहीं है।  

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का इतिहास
भारत के सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलिया के एलन बॉर्डर अपने-अपने देश के महान खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। दोनों ने ढेर सारे रन बनाए और अपने देश का नेतृत्व भी किया है। एक-दूसरे के खिलाफ भी खेले हैं। 1996 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जाने वाली टेस्ट सीरिज का नाम इन दोनों खिलाड़ियों के नाम पर रखा गया। 
 
  • जब यह सीरिज शुरू हुई तो मात्र एक टेस्ट दिल्ली (1996) में खेला गया जिसे भारत ने 7 विकेट से जीता। 
  • दूसरी सीरिज 1998 में खेली गई तब ऑस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा किया। भारत ने यह सीरिज 2-1 से जीती। 
  • 1999-2000 में यह सीरिज ऑस्ट्रेलिया में खेली गई और ऑस्ट्रेलिया ने सीरिज के 3 मैच जीत कर ट्रॉफी अपने नाम की। 
  • 2000-01 में ऑस्ट्रेलिया को सीरिज 2-1 से गंवानी पड़ी। 
  • 2003-04 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया। 4 मैचों की सीरिज 1-1 से बराबर रही। 
  • 2004-05 भारतीय टीम के दौरे पर आई ऑस्ट्रेलिया ने सीरिज 2-1 से नाम की। यह ऑस्ट्रेलिया की भारतीय सरजमीं पर जीती गई आखिरी सीरिज थी। तब से अब तक वे भारत में सीरिज नहीं जीत पाए हैं। 
  • 2007-08 में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई सीरिज ऑस्ट्रेलिया के नाम पर 2-1 से रही। 
  • 2008-09 की 4 मैचों की सीरिज भारत में खेली गई जो 2-0 से भारत के नाम रही। 
  • 2010-11 में दो मैचों की सीरिज भारत में खेली गई और यह भी 2-0 से भारत के नाम रही। 
  • 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई सीरिज एकतरफा रही। ऑस्ट्रेलिया ने चारों मैच जीत कर भारतीय टीम का सूपड़ा साफ कर दिया।
  • 2012-13 में भारत में 4 मैचों की सीरिज खेली गई। भारत ने पिछली सीरिज का बदला लेते हुए चारों मैच जीते।  
  • 2014-15 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया दौरा किया। 4 मैचों की सीरिज 2-0 से ऑस्ट्रेलिया के नाम रही। 
  • 2016-17 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा किया। 4 मैचों की सीरिज भारत के नाम 2-1 से रही। 
  • 2018-19 में भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया। ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में पहली बार सीरिज में मात दी। 2-1 से भारतीय टीम के पक्ष में सीरिज रही। 
  • 2020-21 में भारत ने एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया में सीरिज 2-1 से अपने नाम की।
 
माइंड गेम शुरू
ऑस्ट्रेलिया के वर्तमान और पूर्व खिलाड़ियों की आदत है कि वे किसी भी सीरिज के शुरू होने के पहले विपक्षी टीम का आत्मविश्वास हिलाने के लिए बदजुबानी शुरू कर देते हैं। इयान हिली, एडम गिलक्रिस्ट, ग्रेग चैपल, जेफ थॉमसन जैसे खिलाड़ियों ने बयान देना बहुत पहले ही शुरू कर दिया है। वे माइंड गेम खेल कर विपक्षी टीम पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाते हैं। विराट को आउट करने की रणनीति थॉमसन बताने लगे हैं। इनके साथ वर्तमान खिलाड़ी स्टीव स्मिथ भी शुरू हो गए। सीरिज शुरू होने के पहले ही पिच का रोना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी के मजबूत स्तंभ डेविड वॉर्नर ने थकान की बातें शुरू कर दी है। क्या ऑस्ट्रेलियाई खौफ में है? क्या वे पहले ही अपने आपको हारा हुआ मान रहे हैं? तभी तो इस तरह की बातें कर रहे हैं। या फिर उनकी रणनीति का यह एक और हिस्सा है।


 
टीम इंडिया से खौफ खाने लगी है ऑस्ट्रेलिया 
पिछली कुछ सीरिज से ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम, भारतीय खिलाड़ियों से खौफ खाने लगी है। वो दिन कब से हवा हो गए जब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की बदतमीजी और घटिया कमेंट्स को टीम इंडिया के खिलाड़ी चुपचाप सुन लेते थे। सौरव गांगुली ने स्टीव वॉ की नाक में दम कर दिया था। हरभजन सिंह ने एंड्रयू साइमंड्स को खरी खोटी सुना दी। अब हाथों-हाथ हिसाब करने में भारतीय खिलाड़ी विश्वास करने लगे हैं, चाहे वो खेल हो या टिप्पणी। वे आंखों में आंखें डाल कर गुर्राने लगे हैं और इससे ऑस्ट्रेलियाई बैकफुट पर आए हैं। लगातार तीन सीरिज गंवाने के बाद वे टीम इंडिया से खौफ खाने लगे हैं और सीरिज शुरू होने के पहले ही डरे हुए हैं। इस बार 18 खिलाड़ियों को लेकर भारत आए हैं। खिलाड़ियों का इतना बड़ा समूह लेकर आना ही दिखाता है कि टीम दबाव में है।  


 
टीम इंडिया चुनौती के लिए तैयार 
देखा जाए तो बुमराह को छोड़ सारे नामी-गिरामी भारतीय खिलाड़ी इस सीरिज का हिस्सा हैं। निश्चित रूप से बुमराह की कमी खलेगी और वे बीच सीरिज से टीम से जुड़ भी सकते हैं। भारतीय बैटिंग लाइनअप की जवाबदारी विराट कोहली, रोहित शर्मा, शुभमन गिल, केएल राहुल और चेतेश्वर पुजारा पर है। लंबे समय से लाल गेंद से ये क्रिकेट खेले नहीं हैं इसलिए सीधे ऑस्ट्रेलियाई अटैक का सामना करना शुरुआत में थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन इन्हें रंग में आने में देर नहीं लगेगी। 
 
इन पर रहेगी नजर (टीम इंडिया) 
विराट कोहली इस समय भारतीय क्रिकेट टीम के सूरज हैं। सभी का प्रदर्शन उनके इर्दगिर्द घूमता है। उनकी ऊर्जा और खेल से दूसरे खिलाड़ी प्रभावित होते हैं। इसलिए विराट पर काफी जवाबदारी है। रोहित शर्मा का खेल पिछले कुछ वर्षों से उतना प्रभावी नहीं रहा है। उनका प्रदर्शन साबित करेगा कि कितना क्रिकेट उनमें बाकी है। कप्तानी के रूप में उन्हें इतनी बड़ी चुनौती मिलने जा रही है और इससे वे कैसे निपटते हैं इस पर निगाह रहेगी। 
 
शुभमन गिल इन दिनों फॉर्म में है और भारतीय फैंस को उनसे बहुत ज्यादा उम्मीद है। केएल राहुल के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव है। चेतेश्वर पुजारा पर भी तलवार लटकी है। जहां वे फ्लॉप हुए उन्हें बाहर का दरवाजा दिखा दिया जाएगा। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के तूफानी आक्रमण को उन्होंने बहुत अच्छे से संभाला है और एक बार फिर वे ये करने में कामयाब हो गए तो टीम इंडिया के लिए यह बेहतरीन बात होगी। फॉर्म में चल रहे श्रेयस अय्यर चोट से जूझ रहे हैं इसलिए पहले टेस्ट में उनकी जगह सूर्यकुमार यादव खेलते नजर आए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
 
ऋषभ पंत के कार दुर्घटना में घायल होने से विकेटकीपर के रूप में टीम इंडिया के सामने संकट पैदा हो गया है। ऋषभ ने टेस्ट मैचों में उम्दा प्रदर्शन किया है और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरिज में उनकी कमी खलेगी। श्रीकर भरत और ईशान किशन में से किसे मौका मिलता है ये रोहित पर निर्भर है। या फिर वे लोकेश से ही कीपिंग करवा कर अतिरिक्त बैटर या बॉलर खिलाने का दांव भी खेल सकते हैं। 
 
भारतीय बैटर्स को पैट कमिंस, जॉश हेजलवुड, मिचेल स्टार्क की सनसनाती गेंदों को संभालना होगा। भारतीय विकेट पर उन्हें बहुत ज्यादा उछाल तो नहीं मिलेगी, लेकिन ये अनुभवी गेंदबाज हैं और परिस्थितियों के अनुसार अपने आपको ढालना अच्छी तरह जानते हैं। इसके अलावा कुछ और युवा गेंदबाज भी दल में शामिल हैं जो बल्लेबाजों को आश्चर्य में डाल सकते हैं। 
 
नेथन लायन पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। स्पिन विकेट पर कप्तान पैट कमिंस का सारा जोर नेथन पर रहेगा। अरसे से ऑस्ट्रेलिया टेस्ट टीम का हिस्सा रहे नेथन ने भारतीयों के खिलाफ भी अच्छा प्रदर्शन किया है। भारतीय बैटर्स स्पिन गेंदबाजी को अच्छे से खेलते हैं, लेकिन नेथन लायन से उन्हें भी सावधान रहना होगा क्योंकि उनका प्रदर्शन भारत के खिलाफ अच्छा रहा है। 
 
गेंदबाजी में भारतीय टीम की कमान मुख्यत: स्पिनर्स के हाथों में है। घूमते विकेट पर विकेट निकालने की जवाबदारी अश्विन, अक्षर, कुलदीप और जडेजा पर निर्भर है। इन तीनों ने ऑस्ट्रेलिया के तंबू में हलचल मचा रखी है। इनसे निपटने के लिए प्लानिंग हो रही है। वैसे स्पिनर्स को खेलने वाले अच्छे बैटर ऑस्ट्रेलिया के पास मौजूद है, लेकिन भारतीय विकेट पर इनसे निपटना आसान नहीं होगा। अश्विन अनुभवी हैं। अक्षर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। जडेजा कुछ दिनों से खेल से दूर हैं, लेकिन ये आलराउंडर जोरदार वापसी कर सकता है। पेस बैटरी की कमान मोहम्मद सिराज, उमेश यादव, जयदेव उनादकट और मोहम्मद शमी के हाथ में है। इसमें बुमराह जुड़ जाएंगे तो ताकत और बढ़ जाएगी। वैसे भारतीय अटैक की ताकत स्पिनर्स हैं। 
 
इन पर रहेगी नजर (ऑस्ट्रेलिया) 
स्मिथ, वॉर्नर, उस्मान ख्वाजा, मारनस लाबुशेन भारतीय गेंदबाजों के लिए चुनौती रहेंगे। स्मिथ फॉर्म में हैं और भारतीय गेंदबाजों के लिए हमेशा सिरदर्द साबित हुए। उनका रिकॉर्ड भारत के खिलाफ शानदार रहा है। बाएं हाथ के बैटर वॉर्नर भी भारतीय अटैक को अच्छी तरह संभालते हैं। लगातार कई वर्षों से ऑस्ट्रेलिया के लिए स्कोर कर रहे हैं। भारतीय पिच और गेंदबाजों से अच्छी तरह परिचित हैं इसलिए उनके खिलाफ गेंदबाजों को पूरा दम लगाना होगा। लाबुशेन तो इस समय लगातार रनों का पहाड़ खड़े कर रहे हैं। भारतीय पिच पर वे पहली बार टेस्ट मैच खेलेंगे और स्पिन पिच पर वे कैसा प्रदर्शन करते हैं इस पर निगाह रहेगी। ख्वाजा टेस्ट मैचों के लिए आदर्श बल्लेबाज हैं और वे भी गेंदबाजों के लिए चुनौती रहेगी। इसके अलावा ट्राविस हेड भी बल्ले से अच्छे साथ दिखा सकते हैं। 
 
कौन बेहतर कप्तान
वैसे तो स्मिथ और वॉर्नर ऑस्ट्रेलिया टीम के बेहतर कप्तान सिद्ध हो सकते हैं, लेकिन अतीत में किए गए कर्म उनके आड़े आ गए और पैट कमिंस को बागडोर संभालनी पड़ी है। कमिंस अब तक कप्तानी से प्रभावित नहीं कर पाए हैं। और यह सीरिज उनके लिए बहुत बड़ी चुनौती है। दूसरी ओर रोहित शर्मा अनुभव के मामले में कमिंस से आगे हैं और कप्तान के रूप में भी बेहतर हैं। पर सीरिज का रिजल्ट साबित करेगा कि आखिर में बाजी किसके हाथ रही। 
 
भारतीय टीम की खूबियां और कमियां 
भारतीय टीम अपने देश में शेर रहती है। होम ग्राउंड पर खेलने का बहुत बड़ा एडवांटेज टीम इंडिया के पास है। अपने हिसाब से विकेट तैयार करा कर ऑस्ट्रेलिया टीम को मात दी जा सकती है। इसमें बुराई भी नहीं है क्योंकि जब हमारी टीम ऑस्ट्रेलिया जाती है तो वहां पर वे भी तेज विकेट तैयार करवा कर भारतीयों पर हावी होने की कोशिश करते हैं। भारतीय बल्लेबाजी शुभमन, विराट और रोहित के इर्दगिर्द घूमेगी तो गेंदबाज में अश्विन और अक्षर को कमाल करना होगा। 
 
जहां तक कमियों का सवाल है तो लोकेश राहुल का आउट ऑफ फॉर्म होना चिंता का विषय है। रोहित से भी बहुत रन नहीं बन रहे हैं। ऋषभ पंत का न होना एक बड़ा अंतर है। गेंदबाजी में तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव है। बुमराह का न होना भी खलेगा।
 
रेड बॉल से भारतीय क्रिकेट टीम बहुत कम खेल रही है। इसके आधार पर कहा जा रहा है कि टीम इं‍डिया को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। इस बात को आधार बना कर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी और क्रिकेट विशेषज्ञ भारतीय टीम पर हमले कर रहे हैं। बात सही है, लेकिन कप्तान रोहित का कहना है कि हम हर चुनौती के लिए तैयार हैं।   
 
  • भारतीय टीम : रोहित शर्मा (कप्तान), लोकेश राहुल (उपकप्तान), शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, श्रीकर भरत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव, जयदेव उनादकट, सूर्यकुमार यादव।
  • ऑस्ट्रेलियाई टीम: पैट कमिंस (कप्तान), एश्टन एगार, स्कॉट बोलैंड, एलेक्स कैरी, कैमरन ग्रीन, पीटर हैंड्सकॉम्ब, जॉश हेजलवुड, ट्राविस हेड, उस्मान ख्वाजा, मारनस लाबुशेन, नेथन लायन, लांस मॉरिस, टॉड मर्फी, मैथ्यू रेनशॉ, स्टीव स्मिथ (उपकप्तान), मिचेल स्टार्क, मिचेल स्वेपसन, डेविड वार्नर।
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