ये स्मार्ट वॉच लक्षण दिखने से पहले बता देगी आपको कोरोना है या नहीं
अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के साइंटिस्टों ने कोरोना का समय से पहले पता लगाने के लिए एक मोबाइल ऐप माईपीएचडी तैयार किया है, जो स्मार्टवॉच या फिटनेस ट्रैकर के डेटा से आपको समय रहते कोरोना होने की जानकारी देगा।
साइंटिस्ट का दावा है कि इस ऐप से 80 प्रतिशत यूजर्स में कोरोना संक्रमण का टेस्ट से पहले पता लगाया जा सका है। इस स्टडी के निष्कर्षों को मेडिकल जर्नल नेचर मेडिसिन (Nature Medicine) में प्रकाशित किया गया है।
इससे पता चल सकता है कि आप कोरोना संक्रमित हैं या नहीं, वो भी लक्षण नजर आने से पहले? जी हां, ऐसा संभव है। ये सारी जानकारी आपको अपनी स्मार्टवॉच से ही पता चल सकेगी।
रिसर्चर्स ने इस स्टडी के लिए 18 से 80 साल के 3300 वयस्कों के एंड्रायड या एप्पल डिवाइस (Android or Apple device) में ये ऐप इंस्टाल किया। ऐप ने वयस्कों के पास पहले से मौजूद कलाई पर पहने हुए डिवाइस यानी स्मार्टवॉच या फिटनेस ट्रेकर से डेटा इकट्ठा किया और इसे एक सुरक्षित क्लाउड सर्वर पर भेज दिया। अब रिसर्सर्च इस क्लाउड सर्वर पर डेटा का एनालिसिस कर सकते थे।
फिटबिट एप्पल वॉच गार्मिन डिवाइस और अन्य गैजेट्स में इस ऐप का इस्तेमाल किया गया। साइंटिस्टों ने प्रतिभागियों के कदमों की संख्या, हार्ट रेट और नींद के पैटर्न में बदलाव देखने के लिए एक एल्गोरिदम का यूज किया। अपेक्षा से अलग बदलाव का पता लगाने पर एल्गोरिदम अलर्ट भेजता है।
इस स्टडी में हार्ट रेट में आने वाले बदलावों के बारे में काफी विस्तार से बताया गया है कि कैसे किसी व्यक्ति के इम्यून सिस्टम और हार्ट बीट एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। कोरोना से संक्रमित यूजर की धड़कन में बदलाव कम देखने को मिलता है, जबकि कोरोना निगेटिव यूजर्स के दिल की धड़कन में बदलाव देखने को मिलता है। हार्ट स्पीड में ज्यादा परिवर्तनशीलता इस ओर इशारा करती है कि यूजर का नवर्स सिस्टम काफी एक्टिव है। यह तनाव का सामना करने में ज्यादा प्रभावी हो सकता है।
इस स्टडी के दौरान, नवंबर 2020 से जुलाई 2021 तक 2155 से ज्यादा यूजर्स को रोजाना रीयल-टाइम अलर्ट मिले। साथ ही 2117 प्रतिभागियों ने कम से कम एक सर्वे पूरा किया। इनमें से उन 278 लोगों में से, जिन्हें संक्रमित होने का अलर्ट मिला इनमें से 84 प्रतिभागियों ने फिटबिट या एप्पल की वॉच पहनी हुई थी!
इनमें से 60 लोगों को संक्रमण की संभावना का सुझाव देते हुए अलर्ट मिले. इन स्मार्टवॉच के जरिए इन लोगों में लक्षण विकसित होने से 3 दिन पहले एक असामान्य रीडिंग का पता लगाया गया।