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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Modified: मंगलवार, 5 मई 2020 (18:24 IST)

ग्रीन जोन में बने रहना रीवा संभाग के लिए असंभव नहीं है– कमिश्नर डॉ. भार्गव

ग्रीन जोन में बने रहना रीवा संभाग के लिए असंभव नहीं है– कमिश्नर डॉ. भार्गव - It is not impossible for the Rewa division to remain in the Green Zone
रीवा। रीवा एवं शहडोल संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने बताया कि रीवा संभाग के चारों जिले ग्रीन जोन में हैं। यह विन्ध्य क्षेत्र के लिए सुखद समाचार है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि कोरोना वायरस से लड़ाई समाप्त हो गई है। जब तक यह वायरस पूर्णत: समाप्त नहीं हो जाता, तब तक कोरोना के विरुद्ध हमारी जंग निरंतर जारी रहेगी।

उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि कोरोना वायरस को समाप्त करने की कोई दवा अभी उपलब्ध नहीं है, ऐसी स्थिति में हमारी सावधानी, सतर्कता, लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन हमें कोरोना वायरस से मुक्ति दिला सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य विभाग तथा जिला संकट प्रबंधन समूहों द्वारा लिए गए निर्णयों, निर्देशों का धैर्य, अनुशासन और संकल्प के साथ पालन किया जाए।

डॉ. भार्गव ने कहा कि अन्य राज्यों में फंसे हुए संभाग के मजदूरों, नागरिकों आदि को वापस लाने के लिए शासन के निर्देशानुसार प्रयास किए जा रहे हैं। वापस लाए जाने पर इन सबका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है और लॉकडाउन के निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है।

संभाग के प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि बाहर से आए हुए लोगों की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी जाए। ऐसे व्यक्ति जिनको क्वारेंटाइन किया गया हो और वे क्वारेंटाइन नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उसकी भी सूचना दी जाए। किराना, दूध, सब्जी, फल की दुकानों पर दो गज की दूरी का पालन न करने वालों एवं बिना मास्क के घूमने वालों की सूचना भी कंट्रोल रूम में दी जाए।
कमिश्नर ने कहा कि अब तक सभी नागरिकों ने लॉकडाउन का पालन किया है। भविष्य में भी नियमों का पालन करेंगे तो रीवा संभाग ग्रीन जोन में बना रहेगा और शहडोल संभाग के अनूपपुर और शहडोल जिले भी ग्रीन जोन में आ जाएंगे। अभी तक दोनों संभागों में कोरोना की जांच के लिए 1124 सैंपल भेजे गए हैं, जिनमें रीवा और अनूपपुर से दो-दो जबकि शहडोल में तीन पॉजिटिव केस पाए गए हैं।
 
अनूपपुर और शहडोल में जो पॉजिटिव केस पाए गए हैं, वह बाहर से आने वाले मजदूरों के हैं। इन व्यक्तियों के सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों से संबंधित सभी टेस्ट भी निगेटिव आए हैं, इसलिए कोरोना से भयभीत होने एवं डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि संयम के साथ उसका सामना करने तथा निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है। इस तरह हम दोनों संभागों के जिलों को ग्रीन जोन में रखने में कामयाब होंगे।

कमिश्नर डॉ. भार्गव ने बताया कि रीवा संभाग में अब तक 91 हजार 75 व्यक्तियों की मेडिकल जांच की गई है, जिसमें से 706 सैंपल  जांच के लिए भेजे गए हैं। संभाग में 34 हजार 548 लोगों को होम क्वारेंटाइन तथा दो हजार 380 लोगों को संस्था क्वारेंटाइन किया गया है।

वहीं शहडोल संभाग में अब तक 74 हजार 19 लोगों की मेडिकल जांच की गई है, जिसमें से 418 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। संभाग में 53 हजार 400 लोगों को होम क्वारेंटाइन तथा 1463 लोगों को संस्था क्वारेंटाइन किया गया है। 

उन्होंने बताया कि यह अच्छा संकेत है कि दोनों संभागों की लगभग एक करोड़ से अधिक आबादी है जिसमें पॉजिटिव केसों की संख्या अत्यंत ही कम है और वह भी नियंत्रण में है। इसलिए किसी भी प्रकार की दहशत या भय को निर्मित करने की आवश्यकता नहीं है। मौसम में बदलाव के कारण लोग सामान्य सर्दी, खांसी, जुकाम या बुखार को कोरोना वायरस के लक्षण मानकर भयभीत होने लगते हैं जबकि वास्तव में ऐसा नहीं होता है।

यदि हम लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं और संक्रमित व्यक्तियों से दो गज दूरी का पालन करते हुए सम्पर्क में नहीं आ रहे हैं तब आपको कोरोना वायरस होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। अत: ऐसी स्थिति में इससे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे लक्षण पाए जाने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें और बिना किसी भय के अपना कार्य जारी रखें।

डॉ. भार्गव ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि हम समन्वित प्रयासों और धैर्य तथा अनुशासन का पालन करते हुए कोरोना वॉरियर्स के सहयोग से दोनों संभागों में कोरोना वायरस को पूर्णत: समाप्त करने में कामयाब होंगे। 
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