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Last Updated : शनिवार, 22 मई 2021 (19:17 IST)

बाबा रामदेव ने एलोपैथी को बताया स्टुपिड और दिवालिया साइंस, IMA हुआ नाराज, लिखा स्वास्थ्य मंत्री को पत्र- करें कानूनी कार्रवाई

बाबा रामदेव ने एलोपैथी को बताया स्टुपिड और दिवालिया साइंस, IMA हुआ नाराज, लिखा स्वास्थ्य मंत्री को पत्र- करें कानूनी कार्रवाई - ima wants action against ramdev for his statement in a video modern allopathy ek aisi stupid aur diwaliya science hai
नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के बीच योग गुरु बाबा रामदेव के एलोपैथी के खिलाफ दिए बयान पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने नाराजगी जताई है।

आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। रामदेव के एलोपैथी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक बयान को लेकर IMA ने प्रेस रिलीज जारी किया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में बाबा रामदेव ने कहा था कि 'मॉडर्न एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है।' आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अनुरोध किया कि या तो वे वीडियो में लगाए गए आरोपों को स्वीकार कर देश की आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं को भंग करें या फिर योग गुरू बाबा रामदेव के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज कर मुकदमा चलाएं।
आईएमए ने रामदेव के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने पर कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है। आईएमए ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित योगगुरु होने के अतिरिक्त बाबा रामदेव एक फार्मास्युटिकल यूनिट के कॉर्पोरेट दिग्गज हैं। वे जनता को गुमराह करने के लिए अपनी कंपनी उत्पादों के बारे में कई बार झूठ बोलते हैं।
 
रामदेव की टिप्पणी गैर जिम्मेदाराना : महाराष्ट्र कोविड-19 कार्य बल के सदस्य और वरिष्ठ चिकित्सक शशांक जोशी ने एलोपैथी पर योग गुरु बाबा रामदेव की टिप्पणी को शनिवार को गलत और गैर जिम्मेदाराना बताया।
 
वहीं आज दिन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी रामदेव की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। वायरल हुए एक वीडियो में रामदेव ने एलोपैथी को ‘मूर्खतापूर्ण विज्ञान’ बताते हुए कहा था कि एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा स्वीकृत रेमडेसिविर, फेवीफ्लू और अन्य दवाएं कोविड-19 का उपचार करने में असफल रही हैं।
 
मराठी समाचार चैनल से बातचीत में डॉक्टर जोशी ने कहा कि ऐसी गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी करना गलत है। रेमडेसिविर उपचार में सहायता करती है, लेकिन यह जीवन रक्षक दवा नहीं है। इसका किसी भी व्यक्ति पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। ऐलोपैथी के बारे में ऐसी टिप्पणी करना गलत है। उन्होंने कहा कि मैं आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों का भी सम्मान करता हूं।