इंदौर में सख्त कर्फ्यू, विजयवर्गीय ने कहा- निर्णय तानाशाहीपूर्ण, मोघे ने भी उठाए सवाल
इंदौर। कोरोनावायरस (Coronavirus) पर 'अंतिम प्रहार' को लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आह्वान के अगले ही दिन शुक्रवार से इंदौर जिले में महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए जनता कर्फ्यू अगले को 8 दिन के लिए सख्त कर दिया गया। प्रशासन के इस निर्णय पर भाजपा महासचिव और मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
अलोकतांत्रिक फैसला : भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने गृह जिले में प्रशासन के इस आदेश की ओर इशारा करते हुए ट्वीट किया- आखिर क्या जरूरत है एक अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरे निर्णय को इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर थोपने की? जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो उस पर पुनर्विचार होना ही चाहिए, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिए।
किसानों और व्यापारियों को होगा नुकसान : पूर्व सांसद मोघे ने मुख्यमंत्री के लिखे खत में इंदौर कलेक्टर द्वारा जारी आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज से ही अगर बंद करने के निर्देश जारी होते हैं तो इससे किसानों और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि किसानों और व्यापारियों द्वारा मंडियों में सब्जियां एवं फल गोदामों में रखे होते हैं।
मोघे ने कहा, किसानों और व्यापारियों को उस माल को निकालने के लिए कम से कम 10 से 12 घंटे का समय देना उचित होगा, जिससे कि उनको आर्थिक नुकसान न हो। पूर्व सांसद मोघे ने कलेक्टर से इस विषय में शीघ्र आवश्यक कदम उठाने के निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।
उल्लेखनीय है कि प्रशासन के आदेश के मुताबिक 28 मई तक न केवल थोक व खुदरा किराना दुकानें बंद रहेंगी, बल्कि इस अवधि में फल-सब्जियों की खरीद-फरोख्त पर भी पाबंदी रहेगी। हालांकि, कुछ कम्पनियों के जरिये सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक किराना सामान की घर-घर आपूर्ति की जा सकेगी।