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Last Updated : शुक्रवार, 20 नवंबर 2020 (14:39 IST)

बड़ी खबर, पुणे में मिले कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी के संकेत, 85% संक्रमितों में मिली एंटीबॉडी

बड़ी खबर, पुणे में मिले कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी के संकेत, 85% संक्रमितों में मिली एंटीबॉडी - Covid 19 : Herd immunity in Pune
पुणे। देश में मौसम परिवर्तन होने से एक बार फिर कोरोनावायरस का कहर बढ़ता दिखाई दे रहा है। दिल्ली, अहमदाबाद, भोपाल व इंदौर जैसे शहरों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच पुणे से आई एक खबर के अनुसार शहर के 85 प्रतिशत संक्रमितों में हर्ड इम्युनिटी के संकेत मिले हैं।
 
'द इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के अनुसार पुणे में आबादी के एक छोटे समूह में हर्ड इम्युनिटी मौजूदगी के संकेत मिले हैं। इस अध्ययन में पता चला है कि पुणे में कोरोनावायरस से संक्रमित हुए 85 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी हैं। इसका मतलब ये है कि उनका शरीर कोरोनावायरस से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।
 
पुणे के 5 क्षेत्रों में हाल ही में किए गए सीरो सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। वहीं जुलाई और अगस्त में हुए सर्वे में 51 फीसदी आबादी में संक्रमण का पता चला था। सीरो सर्वे के तहत आबादी में संक्रमण के प्रसार का पता किया जाता है। ये पहला सर्वे है जिसमें संक्रमित लोगों में वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी का पता किया गया है। हालांकि शोधकर्ताओं ने ये नहीं कहा है कि शहर हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ रहा है।
 
उल्लेखनीय है कि पुणे में अब तक 3,33,726 कोरोना संक्रमित मिले हैं। शहर में इस महामारी की वजह से 8,321 लोगों की मौत हो चुकी है।
 
क्‍या है हर्ड इम्युनिटी : 'हर्ड' का अर्थ अंग्रेजी में 'झुंड' होता है और 'हर्ड इम्युनिटी' यानी सामूहिक रोग प्रति‍रोधक क्षमता। जब तक कोरोनावायरस की वैक्‍सीन नहीं आ जाती तब तक हमें अपनी इम्युनिटी को ही मजबूत रखना होगा। फि‍लहाल कई देशों में इसी पर बहस और शोध हो रहे हैं कि लोगों की इम्युनिटी कैसे बढ़ाई जाए।
 
हर्ड इम्युनिटी होने का मतलब है कि एक बड़े हिस्से या आमतौर पर 70 से 90 फीसदी लोगों में किसी वायरस से लड़ने की ताकत को पैदा करना। जैसे-जैसे इम्यून (रोग प्रति‍रोधक क्षमता) वाले लोगों की संख्या में इजाफा होता जाएगा, वैसे-वैसे वायरस का खतरा कम होता जाएगा। इस वजह से वायरस के संक्रमण की जो चेन बनी हुई है, वो टूट जाएगी यानी वो लोग भी बच सकते हैं जि‍नकी इम्युनिटी कमजोर है।
 
क्‍यों जरूरी है हर्ड इम्युनिटी : दरअसल, कि‍सी भी वायरस को रहने के लिए एक शरीर की जरूरत होती है, तभी वो जिंदा रह पाता है। डॉक्‍टर या वैज्ञानिक की भाषा में वायरस को एक नया होस्‍ट चाहिए। ऐसे में वायरस कमजोर इम्युनिटी वाला शरीर ढूंढता है। जैसे ही उसे वो मि‍लता है, वह उसे संक्रमित कर देता है। ऐसे में अगर ज्‍यादातर लोगों की इम्युनिटी मजबूत होगी तो वायरस को शरीर नहीं मिलेगा और वो एक वक्‍त के बाद खुद-ब-खुद ही नष्‍ट हो जाएगा, क्‍योंकि वायरस की भी एक उम्र होती है, उसके बाद वो मर जाता है।
 
कैसे काम करती है हर्ड इम्युनिटी : हर्ड इम्युनिटी वायरस को रोकने में 2 तरह से काम करती है। 80 फीसदी लोग अगर अच्‍छे इम्यून सिस्‍टम वाले हैं तो 20 फीसदी लोगों तक यह वायरस नहीं पहुंच पाएगा। इसी तरह अगर किन्हीं कारणों से इन 20 प्रति‍शत लोगों को वायरस का संक्रमण हो जाता है तो वह बाकी 80 प्रति‍शत तक नहीं पहुंचेगा, क्योंकि वे पहले से अच्‍छे इम्यून सिस्‍टम वाले हैं।