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Last Modified: बुधवार, 15 अप्रैल 2020 (18:32 IST)

Bat Coronavirus पर ICMR का बयान, इंसानों में सीधा नहीं आया होगा वायरस

Bat Coronavirus पर ICMR का बयान, इंसानों में सीधा नहीं आया होगा वायरस - Coronaviruses found in two Indian bat species
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की फैली महामारी के बीच केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु में चमगादड़ों की 2 प्रजातियों में अलग तरह के कोरोना वायरस– ‘बैट कोरोना वायरस (बैट कोव)’ की मौजूदगी मिली थी। Bat Coronavirus पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) का कहना है कि यह वायरस इंसानों में नहीं आ  सकता है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के रतन गंगाखेडकर ने प्रेस कॉन्फेंस में बताया कि चीन में हुई रिचर्स में यह सामने आया कि कोरोना वायरस चमगादड़ों में पाया जाता है, लेकिन वह चमगादड़ों का ही वायरस होता है, इंसानों में नहीं आ सकता।

उन्होंने कहा कि चमगादड़ से यह पैंगोलिन में आ सकता है। पैंगोलिन से यह मनुष्यों में आया होगा। गंगाखेडकर ने कहा कि कि हमने निगरानी भी की, जिसमें हमें पता लगा कि चमगादड़ दो प्रकार के होते हैं, जिनमें कोरोना वायरस पाया जाता है, लेकिन वे मनुष्यों को प्रभावित करने में सक्षम नहीं होते थे। वह इंसान में नहीं आ सकता। यह दुर्लभ है।

चमगादड़ों से इंसान में कोरोना वायरस आने की घटना हजार साल में एक बार हो जाए तो बहुत बड़ी बात है। बैट कोरोना वायरस की खोज भारत में पाए जाने वाले चमगादड़ों की 2 प्रजातियों में की गई है। इस वायरस को बीटीकोव भी कहते हैं।

कोरोना वायरस वाली चमगादड़ की यह दो प्रजातियां देश के चार राज्यों केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु में पाई गई हैं। हालांकि कुछ दिनों पहले चीन से भी ऐसी खबरें सामने आई थीं कि कोरोना वायरस पैंगोलिन से मनुष्य में हस्तांतरित हुआ होगा।

ICMR के मुताबिक चमगादड़ के वायरस में ऐसा उत्‍परिवर्तन विकसित हुआ जिससे उसमें इंसान के अंदर जाने क्षमता पैदा हुई। वह ऐसा विषाणु बन गया होगा, जो इंसानों को बीमार करने वाला खतरनाकर वायरस बन गया हो।
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