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Last Modified: शनिवार, 6 अगस्त 2022 (15:38 IST)

'अंगूर खट्टे हैं', Commonwealth Games में हारने के बाद लवलीना ने यह कहा

'अंगूर खट्टे हैं', Commonwealth Games में हारने के बाद लवलीना ने यह कहा - Lovelina Borgohain downplays her defeat in Commonwealth Games
बर्मिंघम:भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन यहां क्वार्टरफाइनल में मिली हार से परेशान नहीं हैं और उनका कहना है कि राष्ट्रमंडल खेलों की सफलता से उन्हें 2024 में लगातार दूसरा ओलंपिक पदक जीतने के लक्ष्य में ज्यादा मदद नहीं मिलती क्योंकि वह बर्मिंघम में गैर ओलंपिक वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रही थीं।

लवलीना पिछले साल तोक्यो में ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय मुक्केबाज बनी थी। वह लाइट मिडिलवेट (66 किग्रा - 70 किग्रा) वर्ग में खेली थीं जो 2024 पेरिस ओलंपिक के कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है।

लवलीना ने यहां पीटीआई से कहा, ‘‘इसलिये राष्ट्रमंडल खेल मेरे लिये इतने अहम नहीं थे क्योंकि मेरा मुख्य लक्ष्य पेरिस है और यह ओलंपिक वजन वर्ग भी नहीं था। यह मुझे ज्यादा मदद नहीं कर पाता। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हां, राष्ट्रमंडल खेलों का कद काफी ऊंचा है, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन मेरा लक्ष्य पेरिस ओलंपिक है और इसके लिये तैयारी करना ही मेरा मुख्य उद्देश्य है। ’’

लवलीना 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में भी क्वार्टरफाइनल में बाहर हो गयी थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘हर हार या जीत से अनुभव मिलता है। मैं इस हार को सकारात्मक रूप से ले रही हूं। मुझे खुद पर काम करना होगा। ’’

लवलीना ने कहा, ‘‘अंतिम लक्ष्य पेरिस है, जो भी मुश्किलें आये, मुझे उनसे पार पाना होगा। जीवन में कई उतार चढ़ाव आते हैं लेकिन हार नहीं माननी है। ’’

वह राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों से पहले गलत कारण से सुर्खियों में आयीं जब उन्होंने अपनी निजी कोच संध्या गुरूंग के खेल गांव में प्रवेश नहीं मिलने पर ‘मानसिक उत्पीड़न’ का आरोप लगाया। उनके मुकाबले से पहले संध्या को दल में शामिल कर लिया गया।

लवलीना ने कहा, ‘‘हां, मैं खेलों की तैयारियों से पहले थोड़ी परेशान थीं। लेकिन प्रतिस्पर्धा से पहले सब कुछ सही हो गया। मुझे मेरी कोच मिल गयीं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मुझे लगता है कि इसने मुझे प्रभावित नहीं किया। मैं सोशल मीडिया से दूर रही। मेरे चारों ओर क्या चल रहा था, मुझे नहीं पता। अब भी मैंने खुद को इससे दूर रखा हुआ है। ’’ (भाषा)
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