मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. व्यापार
  3. बजट 2017-18
  4. Union Budget 2017-18, Arun Jaitley
Written By

आम बजट से मप्र में एमएसएमई क्षेत्र खुश

आम बजट से मप्र में एमएसएमई क्षेत्र खुश - Union Budget 2017-18, Arun Jaitley
इंदौर। वित्त वर्ष 2017.18 के लिए बुधवार को पेश आम बजट का मध्यप्रदेश के सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) ने स्वागत किया, जबकि सोयाबीन प्रसंस्करण उद्योग ने अपनी दो अहम मांगें पूरी न होने के चलते इस पर निराशा जताई।
 
एमएसएमई क्षेत्र के प्रमुख संगठन एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश के सचिव योगेश मेहता ने कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली का पेश बजट कुल मिलाकर स्वागतयोग्य है। 50 करोड़ रुपए तक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर 5 फीसद घटाकर 25 प्रतिशत करने से एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयों को खासा फायदा होगा और वे ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनेंगी। हालांकि उन्होंने कहा कि 3 लाख रुपए से ज्यादा के नकद लेन-देन पर रोक लगाने के बजट प्रस्ताव से खासकर असंगठित क्षेत्र की छोटी इकाइयों के लिए कारोबार चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
 
इंदौर स्थित संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने इस बात पर निराशा जताई कि सरकार ने संकट के दौर से गुजर रहे घरेलू तेल प्रसंस्करण उद्योग के हितों की हिफाजत के लिए सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग को लेकर बजट में कोई कदम नहीं उठाया।
 
उन्होंने कहा कि अगर सरकार बजट के जरिए सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क बढ़ाती, तो देश में सस्ते सोयाबीन तेल के धड़ल्ले से किए जा रहे आयात पर रोक लग सकती थी। इससे देश में सोयाबीन की धीमी पड़ीं प्रसंस्करण गतिविधियों में तेजी आती। नतीजतन सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी उनकी उपज का बेहतर मोल मिलता। 
 
पाठक ने कहा कि सोपा ने बजट पेश किए जाने से पहले सरकार से यह मांग भी की थी कि वह तिलहनों की खेती को बढ़ावा देने के लिए तिलहन विकास कोष की स्थापना करे, लेकिन प्रसंस्करणकर्ताओं की इस मांग को भी बजट प्रावधानों में जगह नहीं दी गई। 
ये भी पढ़ें
आईआरसीटीसी, आईआरएफसी और इरकॉन शेयर बाजार में