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Last Modified: शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2016 (19:09 IST)

बजट की किन चीजों पर होती है आम लोगों की निगाह

बजट की किन चीजों पर होती है आम लोगों की निगाह - main points of budget 2016-17
नई दिल्‍ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली पहले ही बता चुके हैं कि यह लोक-लुभावन बजट नहीं होगा। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2016-17 के आगामी बजट में कुछ ऐसी नई योजनाओं की भी घोषणा की जा सकती है जिससे सरकार को फायदा पहुंचे। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की राह को आसान करने के लिए सरकार कई वस्तुओं पर लग रहे सबसे कम टैक्स को बढ़ाने और एक्साइज ड्यूटी में मिल रही छूट को खत्म करने पर विचार कर रही है। 
फिर भी हर वर्ष के बजट की तरह से इस बार भी आम लोगों की निगाह कुछ ऐसे प्रावधानों पर होती है जिनसे वे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
 
- आयकर छूट की सीमा बढ़ने का हर नौकरीपेशा और छोटे कारोबारियों को इंतजार रहता है। यदि सरकार ने इस बार आयकर छूट की सीमा को बढ़ाया तो आम आदमी के लिए यही राहत की बात हो सकती है। 
 
- हमारे देश में ज्यादातर लोग अपना घर खरीदने या बनवाने के लिए बैंकों से कर्ज लेते हैं इसलिए हाउसिंग लोन पर छूट की सीमा पर भी ज्यादातर लोगों की निगाह रहती है। इस लोन पर लगने वाले ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ने की उम्मीद लगी रहती है।
 
- नौकरी-धंधे के बाद घर और बच्चों की शादी-ब्याह का बोझ हर परिवार पर होता है और हर परिवार चाहता है कि शादी के मौके पर एक निवेश के तौर पर संतान के लिए सोना या सोने से बने आभूषण खरीद लिए जाएं या बनवाए जाएं। इसलिए सोने पर लगने वाला किसी भी प्रकार का शुल्क भारत के ज्यादातर लोगों को प्रभावित करता है। संभवत: आपको इस बात की जानकारी होगी कि हमारे देश में सबसे अधिक सोने का इस्तेमाल किया जाता है। 
- देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गांवों में रहता है और जिसकी भलाई के लिए सरकार लगभग हर दिन कल्याणकारी योजनाएं और सुविधाएं देने की बात करती है। इस बार के बजट में देश की ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी को क्या कुछ मिलने वाला है, यह तय करता है कि सरकार को अपनी उस आबादी की कितनी सुध रहती है, जो कि पहले से ही बहुत सारे अभावों में जी रही है। 
- देश की आबादी का एक बड़ा भाग ऐसा है, जो कि कोई रोजगार या काम न मिलने से परेशान रहता है। इतना ही नहीं, देश में बेरोजगारों की फौज प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है लेकिन सरकार इतनी बड़ी संख्या में नौकरियों या कामों का सृजन करने में सफल नहीं हो पाती है कि ज्यादातर लोगों की यह समस्या सुलझ सके। बजट से देश के शिक्षित बेरोजगारों को ऐसी योजनाओं की तलाश होगी जिससे कि उनके लिए काम, रोजगार पैदा हो सके। 
- देश का वित्तीय प्रबंधन करने के लिए सरकार कई तरह के शुल्कों की घोषणा करती है जिसके चलते उन वस्तुओं की कीमत पर प्रभाव पड़ता है। इस बार भी लोगों की यह जानने में बहुत रुचि होगी कि सरकार ने किन-किन चीजों पर टैक्स को कम करके सस्ता किया है। 
 
- अगर देश में टैक्सों के चलते वस्तुओं के सस्ते होने की उम्मीद की जाती है तो लोगों की यह जानने की इच्छा रहती है कि किन चीजों पर टैक्स बढ़ा है या कौन-कौन-सी चीजों को खरीदना उसकी क्रयशक्ति के दायरे से बाहर चली गई है।
- देश का एक बड़ा तबका ऐसे युवाओं का है, जो कि शिक्षा या इससे जुड़ी गतिविधियों से प्रभावित होते हैं। इसलिए शिक्षा की नई योजनाएं, नई परियोजनाओं के शुरू होने से बहुत सारे लोगों का भविष्य प्रभावित होता है। 
-किसी भी देश का विकसित या अल्पविकसित होना उस देश के बुनियादी ढांचे पर निर्भर करता है। इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से आम आदमी, व्यापारी वर्ग प्रभावित होता है इसलिए सरकार द्वारा घोष‍ित बुनियादी सुबिधाएं सभी को लाभ पहुंचाने वाली होती हैं और इसी की बेहतरी से समाज के सभी वर्गों को आगे बढ़ने में मदद मिलती है। 
-विदेशी निवेश एक ऐसी दोधारी तलवार है, जो कि अपने साथ कई फायदे लाता है तो समाज के उस वर्ग को नुकसान पहुंचने की ज्यादा आशंका होती है, जो कि आर्थिक रूप से समसे ज्यादा कमजोर होता है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देते समय सरकार को इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि अंत में इसका परिणाम अधिकाधिक आर्थिक असमानता के रूप में न आए।