बात उन दिनों की है जब संजय दत्त नशे में चूर रहते थे। ड्रग्स और शराब के नशे में वे चौबीस घंटे धुत्त रहते थे। उन्हें न दिन का पता रहता था और न रात का। मुश्किल तो उन निर्माता-निर्देशकों की होती थी जो संजय दत्त को लेकर फिल्म बना रहे थे। संजय ठीक से डायलॉग्स भी बोल नहीं पाते थे। चूंकि निर्माता-निर्देशकों का पैसा लगा होता था इसलिए वे किसी तरह फिल्में पूरी करते थे। नशे में संजय दत्त अजीबो-गरीब हरकत किया करते थे। एक दिन तो हद ही हो गई। एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरे से वे किसी बात से नाराज हो गए। संजय दत्त का दिमाग घूम गया। पद्मिनी जाने के लिए निकली। थोड़ी दूर ही पहुंची होगी कि संजय दत्त खुला चाकू लेकर पद्मिनी के पीछे दौड़ लगाने लगे। किसी तरह से लोगों ने संजय का काबू में किया। संजय के डैड सुनील दत्त को यह किस्सा पता चला तो वे नाराज हो गए और अगली सुबह संजय को इलाज के लिए जर्मनी ले गए।