विशाल जेठवा ने बताया 'सलाम वेंकी' में काजोल संग काम करने का अनुभव
मुझे फिल्म 'सलाम वेंकी' के लिए फोन आया ज्यादा कुछ नहीं बताया। सिर्फ यह बताया कि तुम्हारे साथ काजोल मैम काम कर रही हैं और फिल्म की निर्देशिका रेवती है। मैंने कहा, अब इससे ज्यादा क्या पूछ सकता हूं। मुझे और चाहिए भी क्या। लेकिन फिर भी एक कलाकार के तौर पर मेरा रोल क्या है। मैं क्या कर रहा हूं। यह जाने की इच्छा तो रहती ही है तो जब मैं इसके स्क्रिप्ट सेशन के लिए गया तब समीर अरोड़ा जी जो कि फिल्म के लेखक हैं उन्होंने मुझे रोल के बारे में बताया।
अपने रोल के बारे में इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि मर्दानी और ह्यूमन दोनों ऐसे प्रोजेक्ट रहे हैं मेरे कि जहां मुझे लोगों का बहुत प्यार मिला है। और मैं समझ रहा था कि लोग जानना चाहेंगे कि मैं अब अगला क्या करने वाला हूं तो उनकी जो सोच है जो मुझसे आकांक्षाएं लगी है। फिर मेरी खुद की भी जिम्मेदारी बन जाती है कि उनकी सोच पर खरा उतरूं इसलिए रोल जानना बेहद जरूरी हो गया था।
यह कहना है विशाल जेठवा का, जो कि 'सलाम वेंकी' फिल्म में काम कर रहे हैं। इस फिल्म में विशाल के साथ काजोल भी नजर आने वाली हैं। यह कहानी है एक मां और बेटे की जहां पर मां अपने बेटे से जिंदगी जीने का सही तरीका सीख रही हैं तो वहीं एक बेटा अपनी मां को सपने दिखाने की कोशिश कर रहा है। फिल्म के प्रमोशन इंटरव्यू के दौरान विशाल से और भी कई बातों पर खुलकर चर्चा हुई।
अपने रानी के साथ काम किया शेफाली और फिर काजोल के साथ काम किया। इतने दिग्गज कलाकारों के सामने अपने आप को कैसे संभाल कर रखा?
रानी मैम काजोल मैम शेफाली मैम और एक और निर्देशिका भी है रेवती मैम। पर मुझे लगता है कि मैं हमेशा महिलाओं से ज्यादा कनेक्ट कर पाता हूं। लेडीलक वाली बात मेरे साथ साबित हो जाती है और यह बात मैं सिर्फ पर्दे के लिए नहीं कह रहा हूं। मैं जिंदगी में भी आपको बताता हूं। मैं अपनी मां से बहुत जुड़ा हुआ हूं।
एक संयोग है, हमारे घर का कि मेरे नाना जी गुजर गए नानी जी है मेरे दादाजी जल्दी चल बसे दादी जी रहे। बड़े पापा नहीं थे बड़ी मम्मी हैं। अब मेरे घर में ही मेरे पापा नहीं है, मम्मी है और मेरी बहने हैं। यानी महिलाओं से खूब सारा प्यार भी बटोरा है। उनका साथ भी खूब मिला है। उनसे सीखने को भी बहुत कुछ मिला है। इसलिए मुझे तो बहुत अच्छा लगा कि मैं इतने बड़े-बड़े लोगों के सामने काम कर रहा हूं।
जहां तक ऑनस्क्रीन काम करने की बात है तो काजोल मैम की एक बात बताता हूं और जब भी कोई उनके काम करता है तो वह सामने वाले को महसूस नहीं होने देती कि वह इतनी बड़ी कलाकार लेकिन अंदर-अंदर मेरी जो हालत थी, वह मैं जानता हूं। अगर वह आज भी मेरे साथ में बैठ जाएंगे तो मैं चुप ही बैठा रहूंगा मेरे हलक से आवाज नहीं निकलने वाली।
काजोल के साथ पहला दिन शूट का कैसा रहा
अच्छा था मैंने अपने आप को इंट्रोड्यूस किया। उन्होंने भी मुझसे बहुत अच्छे से बात की। मुझे बताया कि सहज होना पड़ेगा। मैंने कहा, देखिए मुझे तीन-चार दिन तक लग जाएंगे। उसके बाद मैं आपसे कंफर्टेबल हो जाऊंगा। लेकिन वह तीन-चार दिन तो मेरे अभी तक खत्म नहीं हुआ। मेरा शूट खत्म हुआ फिल्म रिलीज के लिए आ गई है। लेकिन मैं अभी भी डरे ही जा रहा हूं। कहने के लिए मैं 12 साल से इस फिल्म इंडस्ट्री में हूं, लेकिन फिर भी मुझे आज भी किसी सीनियर कलाकार के साथ काम करने में डर लगता है।
मुझे लगता है पता नहीं मुझे किस तरह से देखते हैं। मुझसे नाराज तो नहीं हो जाएंगे। कहीं ऐसी कोई बात में ना कर जाऊं कि उनको बुरी लग जाए और क्या वह सहज होकर मुझसे मिल पाएंगे। काजोल मैम ने तो कह दिया था कि तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है मुझसे। लेकिन उनकी बातों का कहना एक तरफ पर उनकी बातों को मेरा अपनाना एक तरफ मैं तो अभी भी उनसे डरता हूं।
अपने टेलीविजन में अकबर का रोल निभाया और महाराणा प्रताप से खूब लड़े। बड़ा खूंखार दिखाया गया था आपको। उसके बाद फिर मर्दानी में आपका ऐसा रोल रहा है। आपको लगता है फिल्म सलाम वेंकी आपकी इमेज बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है।
आप सही कह रहे हैं। मेरी अभी तक की जो इमेज बनी हुई है, वह ऐसे एकदम से बहुत ही ज्यादा निगेटिव किरदार की बनी है, लेकिन जब आप ये फिल्म देखेंगे तो आपको मेरा रोल बहुत अच्छा लगेगा। यह ना सिर्फ मेरी इमेज दर्शकों में बदलेगा बल्कि उन फिल्मकारों और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों में भी बदलेगा जो आगे चलकर मुझे काम देने वाले होंगे।
जब ये रोल मेरे पास आया था तो मुझे तो लगा था कि मैं कर लूंगा। लेकिन मेरे सोचने में यह भी आया कि क्या इस फिल्म से जुड़े हुए लोगों को लगता है कि मैं इंतजार कर सकता हूं तब मुझे बताया गया कि जब यह फिल्म टेबल पर डिस्कस की जा रही थी और मेरा नाम किसी ने वहां पर लिया। तो किसी को भी थोड़ा भी संशय नहीं हुआ कि मैं यह रोल नहीं निभा पाउंगा।
अब जब कामयाबी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं तो अपने आप में कितना बदलाव आया।
बदलाव तो बहुत आया है। मेरा आत्मविश्वास, दुगना तिगुना या उससे ज्यादा बढ़ गया है। मुझे बात भी करना नहीं आता था। कैसे बैठना है, कैसे बात करना है? आप देखिए आज मैं आपके साथ बैठकर इतनी सारी बातें कर रहा हूं। अब दस बारह साल हो गए हैं बजट भी बढ़ना चाहिए ना मेरा। महंगे-महंगे कपड़े भी ले सकता हूं।
लड़कियां कितना फिदा होती हैं
लड़कियां बहुत ज्यादा फिदा होती हैं। कई प्रपोजल भी आते हैं। हमको समझ में नहीं आता है कि इनको मेरे किरदार से प्यार है या इनको मेरे एक्टर होने से प्यार है या क्या है? क्योंकि असली विशाल को तो जानती ही नहीं है। ऐसे में सोच समझ कर चलना पड़ता है।
फिर ऐसे में आपकी असली गर्लफ्रेंड क्या कहती है
अरे नहीं नहीं। मेरी कोई असली गर्लफ्रेंड है ही नहीं। सच बताता हूं। कुछ समय पहले मेरी रिलेशनशिप हुआ करती थी। 1 महीने तक चली कमिटमेंट की बात जब भी आती थी, मैं सोचने लग जाता था। एक महीने बाद मैंने उस लड़की से हाथ जोड़कर कहा कि मैं कमिटमेंट नहीं दे पाऊंगा। मैं इस रिश्ते में नहीं रहना चाहता हूं। मुझे माफ कर दो। आज के समय में वह मेरी बहुत अच्छी दोस्त है।