सनी देओल के बेटे करण देओल जल्दी ही पर्दे पर दिखने वाले हैं। जाहिर है एक पापा की तरह से सनी की भी कुछ अपनी इच्छा होंगी। पैरेंटहुड पर उनसे बात कर रही हैं वेबदुनिया संवाददाता रूना आशीष।
करण को किस तरह का बच्चा कहा जाए, शर्मीला या बिंदास?
देखिए, देओल परिवार का बच्चा है तो मेरे और बॉबी की तरह ही होगा। शर्मीला है वह जरा, लेकिन मुझे मालूम है कि वह इंडस्ट्री में फिट हो जाएगा। उसे भी अपने कंधों पर जिम्मेदारियां लेनी होंगी, जैसे, कि मैंने ली थीं, जब मैं फिल्मों में कदम रख रहा था या जब बॉबी ने फिल्में करना शुरू की थीं।
सुनने में आया था कि करण की लांचिंग की यश राज फिल्म्स से बात हो रही थी।
हां, बातें तो बहुत होती रहती है, लेकिन यश राज से मेरे बेटे को लांच करने की कोई बात नहीं हुई। ऐसा नहीं है कि मैं अपने बेटे को सिर्फ अपने बैनर विजेता फिल्म्स से ही लांच करना चाहता हूं, बल्कि किसी और के पास भी अच्छी स्क्रिप्ट होगी तो मैं अपने बेटे को उनकी फिल्म में काम करने दूंगा। मुझे अपने बैनर पर ज्यादा यकीन है। मैंने बेताब, बॉबी ने बरसात और अभय ने सोचा ना था के जरिये शुरुआत अपने ही बैनर से की थी। हम सभी की लांचिंग अच्छी ही थी।
करण की फिल्म कैसी होगी?
आप जिस तरह की फिल्म में उसे देखना चाहते हैं वैसी ही होगी। एक उम्र में खास तरीके के रोल में बच्चे अच्छे लगते हैं तो वैसी फिल्म उस उम्र में कर लेनी चाहिए। सुंदर-सा भोला- भाला चेहरा अच्छा लगता है।
करण को आपकी कौन-सी फिल्म पसंद है?
पता नहीं। मैंने कभी पूछा ही नहीं। हमसे भी पापा ने कभी कुछ नहीं पूछा था कि बेटा मेरी कौन-सी फिल्म पसंद है।
आप करण के दोस्त हैं या पापा?
मुझे इस बात पर कभी यकीन नहीं रहा कि पिता और बेटा कभी भी दोस्त बन सकते हैं। पापा अगर दोस्त हैं तो फिर दोस्तों का क्या करोगे? हर रिश्ते का अपना एक नाम होता है और उसे निभाना चाहिए।
आपका रिश्ता करण से कैसा है?
बिल्कुल वैसा, जैसा मेरा मेरे पापा से है। पापा कभी कड़क मिजाज नहीं रहे, लेकिन उनकी इमेज वैसी बन गई। मुझसे आज भी कोई गलती हो जाती है तो डर लगता है कि पापा को पता चला तो क्या होगा? क्या मैं उनके सामने जा पाऊंगा? करण के साथ भी वैसा ही है। करण से कोई कहता है कि पापा ने कहा है तो वो काम फिर करण कर देता है।