"जब टाइगर मुझसे पहली बार मिल रहा था तो मैं उसकी आंखें पढ़ कर ही समझ गया था कि उसके दिल में मेरे लिए बहुत सारी इज़्ज़त है। वह एक ऐसा शख्स है जिसे डांस और इससे जुड़ी सारी बातें बहुत पसंद है। जब मैं फिल्म के लिए उससे मिला तो मुझे समझ में आ गया था कि वह मेरे गानों पर डांस करके बड़ा हुआ है।" ये कहना है बागी 2 के निर्देशक अहमद खान का।
अहमद आगे बताते हैं ''मैं कुछ दिनों से सोच रहा था कि मैं फिल्म एक बार फिर से डायरेक्ट करूं, तब टाइगर ने ही मुझसे पूछा आप कोई फिल्म डायरेक्ट करने वाले हैं क्या.. आपको बता दूं कि साजिद नाडियाडवाला और मैं बहुत अच्छे दोस्त रहे हैं, तो साजिद ने एक दिन पूछा कि फिल्म डायरेक्ट करोगे? मैंने हां कहा तो वे बोले कि थोड़ा रूक जाओ। मैं ही कोई फिल्म दूंगा। तीन या चार महीने बाद फिर बागी 2 फाइनल हो गई।''
आपकी और टाइगर की ट्यूनिंग कैसी रही?
टाइगर तो अभी मिला, मैं तो जग्गू दादा का साथ रह चुका हूं। 'मिस्टर इंडिया' के सेट पर आते थे, तब मेरे बाल बहुत सिल्की हुआ करते थे, तो वे मेरे बालों में पानी लगा कर मुझे एक दम चम्पू बना देते थे। फिर रंगीला में तो मेरे साथ में ही काम करने का मौका मिल गया।
'एक दो तीन गाने' को फिर लोगों के सामने ला रहे हैं।
"जब ' एक दो तीन' गाने का टीज़र आया था तो मुझे उसी दिन 'तेज़ाब' के निर्देशक एन. चंद्रा ने फोन लगाया था। मैं तो सोच भी नहीं सकता था कि ऐसा भी हो सकता है मेरे साथ। वे बोले एकदम आजकल के ज़माने का गाना बना दिया है इस गाने को तूने। इतने सारे लोग, ऐसी कॉस्ट्यूम, जैकलीन का डांस। आज के लोगों की पसंद के लायक है। है."
इस गाने को लेकर आपने सरोज खान से भी बात की थी?
सरोज जी का ये गाना उनके लिए भी दिल के बहुत करीब है। हो सकता है कि उन्हें अपना ये गाना किसी और को देने में कुछ हिचकिचाहट भी हुई हो। मैं तो ये भी चाहता था कि वे सेट पर खुद आए और इस गानो को फिर बनता देखें, हमारी मदद करें, लेकिन इस उम्र में उनसे सेट पर आने और काम करने की उम्मीद करना ठीक नहीं होगा।
आप बहुत सालों से इस इंडस्ट्री में हैं। कोई अंतर देखते हैं?
समय के साथ फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के तरीके और भावनात्मक रिश्तों में काफी बदलाव आ गया है। मैंने काम के मामले में खुद को समय के हिसाब से बदला है। मैंने अपने साथ के कई लोगों को देखा है, जो कभी बदले ही नहीं और वह आज के ज़माने की जमकर बुराई करते हैं। पहले लोग झूठ की दुनिया में जीते थे। आज सोशल मीडिया और यूट्यूब के जमाने में सब साफ है। आज दर्शकों को कुछ अच्छा नहीं लगता तो वह नहीं देखते हैं और बुरा लगता है तो सोशल मीडिया पर लिख देते हैं, इस वजह से झूठी तारीफ वाला समय चला गया। पहले लोग अपने 10 से 12 करीबी लोगों को अपनी फिल्म की पहली झलक दिखाते थे और करीबी लोग बुराई तो करते नहीं थे।
अहमद खान की फिल्म बागी 2 तीस मार्च को रिलीज़ हो रही है।