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Last Updated : शनिवार, 17 अक्टूबर 2020 (13:52 IST)

बिहार चुनाव : पहले दौर में 21 प्रत्याशी पुराने प्रतिद्वंदी से ही टकराएंगे

बिहार चुनाव : पहले दौर में 21 प्रत्याशी पुराने प्रतिद्वंदी से ही टकराएंगे - Bihar election : analysis of 21 seats of 1st phase
पटना। बिहार विधानसभा के लिए 28 अक्टूबर को प्रथम चरण की 71 सीटों पर होने वाले चुनाव में 21 सीट ऐसी हैं, जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन के प्रत्याशी वर्ष 2015 के चुनाव के अपने प्रतिद्वंदी से फिर लोहा लेते नजर आएंगे।
 
बिहार की हाईप्रोफाइल सीट में शामिल गया जिले की इमामगंज (सु) सीट से राजग के घटक हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री तथा निवर्तमान विधायक जीतनराम मांझी चुनावी अखाड़े में अपना जौहर दिखाने जा रहे हैं, जहां उनकी टक्कर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी से होगी।
 
वर्ष 2015 के चुनाव में भी दोनों कद्दावर नेता आमने-सामने थे। हालांकि उस चुनाव में उदय नारायाण चौधरी ने जनता दल यूनाईटेड (JDU) के टिकट पर किस्मत आजमाई थी, जहां उन्हें हम उम्मीदवार जीतन राम मांझी से 29 हजार 408 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
 
गया में यादव बनाम अग्रवाल : गया जिले की शेरघाटी से जदयू ने निवर्तमान विधायक विनोद प्रसाद यादव को चुनावी समर में फिर से उतार दिया है। वहीं राजद ने मंजू अग्रवाल को इस सीट से प्रत्याशी बनाया है। वर्ष 2015 में जदयू विधायक विनोद प्रसाद यादव ने हम उम्मीदवार मुकेश कुमार यादव को 4834 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी।
 
मंजू अग्रवाल ने पिछले चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमाई थी और उन्हें तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था। जदयू प्रत्याशी विनोद प्रसाद यादव और राजद उम्मीदवार मंजू अग्रवाल फिर से चुनावी रणभूमि में आमने-सामने हैं।
 
पटना जिले की मसौढ़ी (सु) से राजद की टिकट पर निवर्तमान विधायक रेखा देवी चुनावी रण में फिर से ताल ठोंक रही हैं, जिनकी टक्कर जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं नूतन पासवान से होगी। वर्ष 2015 में भी इन दोनों प्रत्याशियों के बीच टक्कर देखने को मिली थी। इस चुनाव में नूतन ने 'हम' के टिकट पर जोर आजमाया था, लेकिन उन्हें राजद प्रत्याशी रेखा देवी से 39 हजार 186 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
 
बांका में हेम्ब्रम का मुकाबला हेम्ब्रम से : बांका जिले की कटोरिया (सु) सीट से राजद प्रत्याशी और निवर्तमान विधायक स्वीटी हेम्ब्रम फिर से किस्मत आजमां रही है, जिनका मुकाबला राजग में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव लड़ रही निक्की हेम्ब्रम से होगा। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में भी इन दोनों प्रत्याशियों के बीच मुकाबला हुआ था, जहां राजद उम्मीदवार स्वीटी हेम्ब्रम ने भाजपा उम्मीदवार निक्की हेम्ब्रम को 10337 मतों के अंतर से पराजित किया था। भाजपा की निक्की हेम्ब्रम और राजद की स्वीटी हेम्ब्रम एक-दूसरे को फिर से चुनावी रणभूमि में पटखनी देने को बेताब हैं।
 
जिले की धौरैया (सु) सीट से जदयू के निवर्तमान विधायक मनीष कुमार फिर से चुनावी रणभूमि में हैं। वहीं महागठबंधन में शामिल राजद ने पूर्व सांसद भूदेव चौधरी को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2015 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी मनीष ने बीएलसीपी उम्मीदवार भूदेव चौधरी को 24 हजार 154 मतों के अंतर से पराजित किया था।
 
भाजपा की बागी बिगाड़ेंगी खेल : भोजपुर जिले की बड़हरा सीट से राजद ने निवर्तमान विधायक सरोज यादव को चुनावी समर में फिर से उतार दिया है। वहीं भाजपा ने पूर्व मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह को चुनावी रणभूमि में उतारा है। पिछली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी आशा देवी इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर समर में उतर आई हैं। वर्ष 2015 के चुनाव में सरोज यादव ने भाजपा उम्मीदवार आशा देवी को 13 हजार 308 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। राघवेन्द्र ने वर्ष 2015 के चुनाव में समाजपार्टी पार्टी (सपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा था और तीसरे स्थान पर रहे। इस बार तीनों प्रतिद्धंदी फिर से आमने-सामने हैं।
 
भोजपुर जिले की अगियांव (सु) सीट से जदयू की टिकट पर निवर्तमान विधायक प्रभुनाथ प्रसाद फिर से ताल ठोंक रहे हैं। वहीं महागठबंधन में शामिल भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के टिकट पर मनोज कुमार फिर से किस्मत आजमा रहे हैं। वर्ष 2015 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी प्रभुनाथ प्रसाद ने भाजपा प्रत्याशी शिवेश कुमार को 14704 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। जदयू विधायक प्रभुनाथ प्रसाद और (भाकपा-माले) मनोज कुमार के बीच फिर टक्कर देखने को मिलेगी।
 
आरा में टकराएंगे पुराने प्रतिद्वंद्वी : भोजपुर जिले की आरा सीट से राजद के टिकट पर मोहम्मद नवाज आलम ने जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार और पूर्व विधायक अमरेन्द्र प्रताप सिंह को कड़े मुकाबले में 666 मतों के अंर से पराजित किया था। कयामुद्दीन अंसारी तीसरे नंबर पर थे। महागठबंधन में सीटों के तालमेल के तहत आरा सीट (भाकपा-माले) के खाते में चली गई है। भाकपा माले ने एक बार फिर कयामुद्दीन अंसारी पर भरोसा जताते हुए उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बना दिया है। इस तरह भाजपा उम्मीदवार अमरेन्द्र प्रताप सिंह और कयामुद्दीन अंसारी,फिर से आमने-सामने हैं।
 
जमुई जिले की जमुई सीट से पूर्व केन्द्रीय मंत्री जय प्रकाश यादव के भाई और निवर्तमान विधायक विजय प्रकाश यादव फिर से सत्ता के संग्राम में अपना जौहर दिखाने जा रहे हैं। वर्ष 2015 में राजद प्रत्याशी विजय प्रकाश यादव ने भाजपा प्रत्याशी और पूर्व क़ृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह के पुत्र अजय प्रताप को 8240 मतों के अंतर से पराजित किया था।
 
भाजपा का टिकट नहीं मिलने से नाराज अजय प्रताप इस बार राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के टिकट पर चुनावी अखाड़े में राजद प्रत्याशी विजय प्रकाश यादव को चुनौती देने जा रहे हैं। वहीं भाजपा ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद पुतुल कुमारी की पुत्री और राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक विजेता अंतरराष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह को चुनावी रणभूमि में उतार दिया है। श्रेयसी सिंह पहली बार चुनावी रणभूमि में अपनी पारी का आगाज कर रही हैं।
 
झाझा में लोजपा भाजपा के बागी के सहारे : जमुई जिले की झाझा सीट से वर्ष 2015 में भाजपा के टिकट पर डॉ. रवीन्द्र यादव ने जदयू उम्मीदवार दामोदर रावत को 22 हजार 86 मतों के अंतर से पराजित किया था। राजग में सीटों के तालमेल के तहत झाझा सीट जदयू के खाते में चली गई है। जदयू ने एक बार फिर से रावत पर भरोसा जताते हुए उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर यादव लोजपा में शामिल हो गए और इस सीट से चुनावी रणभूमि में उतर आए हैं। 
 
इस तरह रवीन्द्र यादव और रावत के बीच फिर टक्कर देखने को मिलेगी। इस सीट पर राजद के टिकट पर राजेन्द्र प्रसाद चुनावी संग्राम में मुकाबले को रोचक बनाने में लगे हुए हैं। 
 
जमुई जिले की चकाई सीट से राजद की टिकट पर निवर्तमान विधायक सावित्री देवी फिर से ताल ठोंक रही है। वहीं जदयू ने संजय प्रसाद को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2015 में राजद प्रत्याशी सावित्री देवी ने निर्दलीय उम्मीदवार और पूर्व क़ृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह के पुत्र सुमित कुमार सिंह को 12 हजार 113 मतों के अंतर से परास्त किया था। सुमित कुमार सिंह इस बार भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी अखाड़े में राजद प्रत्याशी सावित्री देवी से फिर से लोहा लेने जा रहे हैं।
 
हिसुआ में नंबर 1 और नंबर 3 का मुकाबला : नवादा जिले की हिसुआ सीट से भाजपा ने फिर से निवर्तमान विधायक अनिल सिंह पर भरोसा जताते हुए उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस की टिकट पर नीतू कुमारी किस्मत आजमा रही है। वर्ष 2015 में हिसुआ सीट से भाजपा उम्मीदवार अनिल सिंह ने जदयू प्रत्याशी कौशल यादव को 12 हजार 339 मतों के अंतर से मात थी।
 
इस चुनाव में नीतू कुमारी ने सपा के टिकट पर किस्मत आजमाई थी और तीसरे नंबर पर रहीं। इस बार नीतू कुमारी ने सपा की ‘साइकिल’ छोड़ कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम लिया है और चुनावी रणभूमि में भाजपा प्रत्याशी से फिर से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं। जदयू प्रत्याशी कौशल यादव इस बार नवादा सीट से जदयू के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं।
 
गोविंदपुर सीट से कौशल यादव की पत्नी और जदयू की निवर्तमान विधायक पूर्णिमा यादव फिर से भाग्य आजमा रही है। वहीं उनके सामने राजद प्रत्याशी मोहम्मद कामरान हैं जो उनका विजयी रथ रोकने के लिए तैयार हैं। वर्ष 2015 में जदयू प्रत्याशी पूर्णिमा यादव ने भाजपा उम्मीदवार फूला देवी को 4399 मतों के अंतर से पराजित किया था। मोहम्मद कामरान ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पिछला चुनाव लड़ा था और तीसरे नंबर पर रहे। इस बार एक बार फिर से पूर्णिमा यादव और मोहम्मद कामरान के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा।
 
राजपुर में मंत्रीजी की प्रतिष्ठा दांव पर : बक्सर जिले की राजपुर (सु) ने जदयू के टिकट पर निवर्तमान विधायक और राज्य परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं कांग्रेस की टिकट पर विश्वनाथ राम चुनावी अखाड़े में उतर आए हैं। वर्ष 2015 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी संतोष कुमार निराला ने भाजपा उम्मीदवार विश्वनाथ राम 32 हजार 788 मतों के अंतर से मात दी थी। इस बार के चुनाव में विश्वनाथ राम ने भाजपा के ‘कमल’ को अलविदा कह कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम लिया है। जदयू प्रत्याशी संतोष कुमार निराला और कांग्रेस उम्मीदवार विश्वनाथ राम के बीच फिर से शह-मात का खेल देखने को मिलेगा।
 
रोहतास जिले की दिनारा सीट से निवर्तमान विधायक और उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह फिर से चुनावी अखाड़े में उतर आए हैं। वहीं, भाजपा से बागी राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का दामन थाम लिया और इस सीट से चुनावी समर में किस्मत आजमा रहे हैं। राजद के टिकट पर विजय कुमार मंडल पहली बार भाग्य आजमा रहे हैं।
 
वर्ष 2015 में जदयू प्रत्याशी जय कुमार सिंह ने भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र प्रसाद सिंह को 2691 मतों के अंतर से पराजित किया था। दोनों धुरंधर राजनेताओं के बीच कांटे का मुकाबला फिर से देखने को मिल सकता है।
 
रोहतास जिले की काराकाट सीट से राजद के टिकट पर संजय कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। महागठबंधन में सीटों के तालमेल के तहत काराकाट सीट (भाकपा-माले) के खाते में चली गई और संजय टिकट से वंचित रह गए। भाकपा-माले ने एक बार फिर से पूर्व विधायक अरुण सिंह पर भरोसा जताते हुए उन पर दांव लगाया है।
 
वर्ष 2015 में राजद उम्मीदवार संजय कुमार सिंह ने भाजपा उम्मीदवार और पूर्व विधायक राजेश्वर राज को 12119 मतों के अंतर से पराजित किया था। भाकपा-माले उम्मीदवार अरुण सिंह तीसरे नंबर पर रहे। इस बार के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेश्वर राज और (भाकपा-माले) उम्मीदवार अरुण सिंह एक बार फिर से चुनावी अखाड़े में जोर-आजमाइश करेंगे।
 
रामगढ़ में अशोक कुमार पार लगाएंगे भाजपा की नैया! : कैमूर जिले की रामगढ़ सीट से भाजपा के टिकट पर निवर्तमान विधायक अशोक कुमार सिंह चुनावी समर में फिर से जौहर दिखाने को बेताब हैं, वहीं उन्हें चुनौती देने के लिये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अंबिका सिंह को चुनवी रणभूमि में उतार दिया है। वर्ष 2015 के चुनाव में अंबिका सिंह ने राजद के टिकट पर किस्मत आजमायी थी। भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह ने राजद प्रत्याशी अंबिका सिंह को 8011 मतों के अंतर से परास्त किया था।
 
क्या शेखपुरा में फिर बाजी मारेंगे रणधीर : शेखुपरा जिले की शेखुपरा सीट से जदयू के निवर्तमान विधायक रणधीर कुमार सोनी फिर से चुनावी समर में ताल ठोक रहे हैं, जिनका मुकाबला राजद की टिकट पर चुनाव लड़ रहे विजय कुमार से होगा। वर्ष 2015 में जदयू प्रत्याशी रणधीर कुमार सोनी ने हम उम्मीदवार नरेश साव को 13 हजार 101 मतों के अंतर से पराजित किया था। विजय कुमार ने वर्ष 2015 का चुनाव जन अधिकार पार्टी (जाप) के बैनर तले लड़ा था और तीसरे नंबर पर रहे।
 
औरंगाबाद जिले की औरंगाबाद सीट से कांग्रेस के निवर्तमान विधायक आनंद शंकर सिंह चुनावी संग्राम में उतर आए हैं। वहीं, भाजपा ने पूर्व मंत्री रामाधार सिंह पर फिर से भरोसा जताते हुए उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2015 में कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शंकर सिंह ने भाजपा उम्मीदवार रामाधार सिंह को 18 हजार 398 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। इस बार भी कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के योद्धाओं के बीच फिर से मुकाबला देखने को मिलेगा।
 
रफीगंज सीट से से जदयू ने निवर्तमान विधायक अशोक कुमार सिंह को चुनावी दंगल में उतारा है। वहीं वर्ष 2015 में लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े प्रमोद कुमार सिंह इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी अखाड़े में दम भर रहे हैं। राजद ने पूर्व विधायक नेहालउद्दीन को सत्ता के संग्राम में उतारा है। वर्ष 2015 में जदयू प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह ने लोजपा उम्मीदवार प्रमोद कुमार सिंह को 9525 मतों के अंतर से मात दी थी।
 
जदयू ने नवीनगर में फिर वीरेन्द्र पर जताया भरोसा : नवीनगर सीट से जदयू की टिकट पर निवर्तमान विधायक वीरेन्द्र कुमार सिंह फिर से चुनावी रणभूमि में ताल ठोंक रहे हैं। वर्ष 2015 में जदयू प्रत्याशी वीरेन्द्र ने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह को कड़े मुकाबले में 5261 मतों के अंतर से मात दी थी। निर्दलीय प्रत्याशी विजय कुमार सिंह तीसरे नंबर पर थे। इस बार के चुनाव में विजय कुमार सिंह ने राजद का दामन थाम लिया और चुनावी समर में उतर आए हैं। वीरेन्द्र और विजय कुमार सिंह के बीच फिर से चुनावी लड़ाई देखने को मिलेगी।
 
गौरतलब है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में राजग के घटक दलों में भाजपा, जदयू, हम और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल है। वहीं, महागबंधन में राजद, कांग्रेस, भाकपा-माले, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
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