24 घंटे नर्मदा के दिल को चीरकर चोरी कर रहे हैं रेत, राजनीतिक दल आखिर नर्मदा और शहर की कब खबर लेंगे?
आत्माराम यादव 'पीव' | बुधवार,अप्रैल 10,2019
होशंगाबाद में चौबीसों घंटे नर्मदा के दिल को चीरकर रेत चोरी की जा रही है। नर्मदा के उद्गम से खंभात की खाड़ी
माता विंध्यवासिनी का पावन धाम सलकनपुर, जहां पूरी होती हैं हर मनोकामनाएं
आत्माराम यादव 'पीव' | सोमवार,अप्रैल 8,2019
मध्यप्रदेश की हृदयस्थली पुण्य सलिला मां नर्मदा के तट होशंगाबाद से सीहोर जिला सटा है। सीहोर जिले की बुदनी तहसील से 25 ...
गैस कांड की रात मौत उसे निगल लेगी, यह काकी जानती थी
आत्माराम यादव 'पीव' | सोमवार,दिसंबर 3,2018
2 दिसंबर 1984 की शाम 5 बजे की बात है, मैं तब भोपाल कोर्ट में अपना काम निपटाकर छोला स्थित लोकोशेड रेलवे कॉलोनी में काकी ...
होशंगाबाद में आज भी सुरक्षित है गुरु नानक देव द्वारा स्वर्ण स्याही से लिखी गई 'गुरु ग्रंथ साहिब' की पोथी
आत्माराम यादव 'पीव' | बुधवार,नवंबर 21,2018
ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से प्राचीन, नर्मदापुर तथा आधुनिक काल में होशंगाबाद जिले का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। ...
गांवों में आज भी देखने को मिलती है देवउठनी एकादशी मनाने की विचित्र परंपराएं
आत्माराम यादव 'पीव' | बुधवार,नवंबर 14,2018
एकादशी का व्रत और उसके माहात्म्य से सभी बखूबी परिचित है जिनमें चिरकाल से भारतीय परंपरा में देव प्रबोधिनी एकादशी को ...
मुझको हंसना आता नहीं है...
आत्माराम यादव 'पीव' | गुरुवार,अप्रैल 5,2018
मुझको हंसना आता नहीं है, दु:ख में बीता सारा बचपन, जीवन मुझको भाता नहीं है। मुझको हंसना...
कविता : तुमको ये मेरा नमन आखिरी है
आत्माराम यादव 'पीव' | शुक्रवार,मार्च 23,2018
सजदे करता था मैं श्रीराम तुमको, हंसके कह देते थे तुम अपने गम को, नहाने को गए तुम जब मुलाकात करके, जुदा हो गए सदा के लिए ...
लोक-संस्कृति में अपनी छठा बिखेरती ब्रज की होली...
आत्माराम यादव 'पीव' | गुरुवार,मार्च 1,2018
शीत ऋतु की विदाई एवं ग्रीष्म ऋतु के आगमन की संधि बेला में युगल मन प्रणय के मधुर सपने संजोए मौसम के साथ अजीब हिलौरे ...
जब डमरूधारी बाबा शिव मां गौरी को रंगने से नहीं चूके...
आत्माराम यादव 'पीव' | सोमवार,फ़रवरी 19,2018
होली शाश्वत काल से बुराइयों को दग्ध कर अच्छाइयों को ग्रहण करने का संदेश देती आ रही है जिससे कि वर्षभर एकत्र विकारों को ...
हिन्दी कविता : पत्थरों की इबादत
आत्माराम यादव 'पीव' | सोमवार,दिसंबर 11,2017
हे पत्थरों की इबादत करने वालों... मैं तुम्हें सजीवन नहीं कहता हूं, तुम होंगे सजीव अपने में, पर मैं अजीब नहीं कहता हूं।