शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025
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यात्रा करने से पहले जान लें दिशाशूल का महत्व और करें ये उपाय

yatra upay
ज्योतिष में दिशाशूल का बहुत महत्व है। यदि एक दिन में गंतव्य स्थान पर पहुंचना और फिर वापस आना निश्चित हो तो दिशाशूल विचार की आवश्यकता नहीं है। किंतु अगर लंबी दूरी की यात्रा या लंबे समय की यात्रा पर जाना है तो दिशाशूल का विचार अवश्य किया जाना चाहिए। 
 
यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है दिशाशूल, दिन तथा यात्रा करने से पहले दिन के अनुसार उपाय किए जाए तो यात्रा में सफलता अवश्य प्राप्त होगी। आइए जानें...
 
दिशाशूल और वार : 
 
पूर्व दिशा - सोमवार, शनिवार। 
 
पश्चिम दिशा - रविवार, शुक्रवार। 
 
दक्षिण दिशा - गुरुवार। 
 
उत्तर दिशा - मंगलवार, बुधवार। 
 
उपरोक्त दिशाओं के सामने दिए गए वारों में उक्त दिशा में दिशाशूल होता है। अतः उक्त दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए अथवा यात्रा करने से बचना ‍चाहिए। 
 
* रविवार, गुरुवार, शुक्रवार के दोष रात्रि में प्रभावित नहीं होते हैं। 
 
* सोमवार, मंगलवार, शनिवार के दोष दिन में प्रभावी नहीं होते हैं। किंतु बुधवार तो हर प्रकार से त्याज्य है। 
 
अगर यात्रा करना अत्यावश्यक हो तो निम्न उपाय किए जा सकते हैं :- 
 
* रविवार को पान या घी खाकर, 
 
* सोमवार को दर्पण देखकर या दूध पीकर, 
 
* मंगल को गुड़ खाकर, 
 
* बुधवार को धनिया या तिल खाकर, 
 
* गुरुवार को जीरा या दही खाकर, 
 
* शुक्रवार को दही पीकर, 
 
* शनिवार को अदरक या उड़द खाकर यात्रा को प्रस्थान किया जा सकता है।