घोर संकट से बच सकते हैं, महादेव पूजन में पालन करें इन 10 नियमों का
धार्मिक मान्यता है कि सोमवार का व्रत करने से हर व्रती को दु:ख, कष्ट और परेशानियों से छुटकारा मिलता है और वह सुखी, निरोगी और समृद्ध जीवन का आनन्द पाता है। सावन माह में सोमवार को जो भी पूरे विधि-विधान से शिव जी की पूजा करता है वो शिव जी का विशेष आशीर्वाद पा लेता है।
इस दिन व्रत करने से बच्चों की बीमारी दूर होती है, दुर्घटना और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है, मनचाहा जीवनसाथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों का अंत होता है, सरकार से जुड़ी परेशानियों हल हो जाती हैं साथ ही भक्त का आध्यात्मिक उत्थान होता है।
सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न व अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए सावन सोमवार का विशेष महत्व है। शिव की उपासना व व्रत करने की अगर विधि सही हो तो शिव जी जल्दी प्रसन्न हो जाते है और अपने भक्त की मनचाही मनोकामना पूरी कर देते हैं।
व्रत के नियम
1. व्रतधारी को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पानी में कुछ काले तिल डालकर नहाना चाहिए।
2. भगवान शिव का अभिषेक जल या गंगाजल से होता है परंतु विशेष अवसर व विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल, आदि कई सामग्रियों से अभिषेक की विधि प्रचिलत है।
3 तत्पश्चात ॐ नमः शिवाय मंत्र के द्वारा श्वेत फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, फल और गंगाजल या साफ पानी से भगवान शिव और पार्वती का पूजन करना चाहिए।
4. मान्यता है कि अभिषेक के दौरान पूजन विधि के साथ-साथ मंत्रों का जाप भी बेहद आवश्यक माना गया है फिर महामृत्युंजय मंत्र का जाप हो, गायत्री मंत्र हो या फिर भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र।
5. शिव-पार्वती की पूजा के बाद सावन के सोमवार की व्रत कथा करें।
6. आरती करने के बाद भोग लगाएं और घर परिवार में बांटने के पश्चात स्वयं ग्रहण करें।
7. दिन में केवल एक समय नमक रहित भोजन ग्रहण करें।
8. श्रद्धापूर्वक व्रत करें। अगर पूरे दिन व्रत रखना सम्भव न हो तो सूर्यास्त तक भी व्रत कर सकते हैं।
9. ज्योतिष शास्त्र में दूध को चंद्र ग्रह से संबंधित माना गया है क्योंकि दोनों की प्रकृति शीतलता प्रदान करने वाली होती है। चंद्र ग्रह से संबंधित समस्त दोषों का निवारण करने के लिए सोमवार को महादेव पर दूध अर्पित करें।
10. समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए शिवलिंग पर प्रतिदिन गाय का कच्चा दूध अर्पित करें। ताजा दूध ही प्रयोग में लाएं, डिब्बा बंद अथवा पैकेट का दूध अर्पित न करें।