सितंबर 2016 के शुभ योग-संयोग, जानिए...
कार्य-सिद्धि योग सकारात्मक ऊर्जा से सम्पन्न होते हैं। इसी कारण किसी भी नए कार्य को शुरू करने से पहले शुभ योग-संयोग को देख-परख लेना श्रेष्ठ होता हैं। अगर आपको किसी भी माह में नया कार्य आरंभ करना हो तो शुभ योग-संयोग देखकर किया जाए तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है।
आपके लिए प्रस्तुत हैं सितंबर 2016 के शुभ-अशुभ योग। आइए जानें :-
कार्य-सिद्धि योग
दिनांक |
समय |
01 सितंबर |
देर रात्रि 02.09 से 05.28 तक |
02 सितंबर |
देर रात्रि 01.52 से देर रात्रि 05.28 तक |
07 सितंबर |
समस्त |
11 सितंबर |
सायं 05.44 से देर रात्रि 05.33 तक |
12 सितंबर |
प्रात: 05.33 से रात्रि 08.17 तक |
14 सितंबर |
प्रात: 05.34 से रात्रि 11.47 तक |
21 सितंबर |
प्रात: 05.37 से सायं 06.46 तक |
23 सितंबर |
प्रात: 05.38 से दिन 03.13 तक |
24 सितंबर |
दोपहर 01.34 से देर रात्रि 05.38 तक |
29 सितंबर |
प्रात: 09.03 से देर रात्रि 05.40 तक |
30 सितंबर |
प्रात: 09.13 से देर रात्रि 05.41 तक |
अमृत सिद्धि योग
07 सितंबर |
प्रात: 06.29 से देर रात्रि 05.31 तक |
23 सितंबर |
प्रात: 05.38 से दिन 03.13 तक |
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सर्वदोषनाशक रवि योग
05 सितंबर |
देर रात्रि 04.26 से 07 सितंबर प्रात: 06.29 तक। |
08 सितंबर |
प्रात: 09.01 से 09 सितंबर दिन 11.53 तक। |
11 सितंबर |
सायं 05.44 से 12 सितंबर रात्रि 08.17 तक। |
15 सितंबर |
रात्रि 12.34 से 16 सितंबर सायं 06.42 तक। |
16 सितंबर |
सायं 06.42 से 17 सितंबर रात्रि 12.17 तक। |
23 सितंबर |
दिन 03.13 से 24 सितंबर दिन 01.34 तक। |
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आगे पढ़ें कुछ विशेष योगों के बारे में जानकारी...
द्विपुष्कर (दो गुना फल) योग
09 सितंबर |
प्रात: 08.14 से दिन 11.53 तक |
त्रिपुष्कर (तीन गुना फल) योग
20 सितंबर |
प्रात: 5.37 से दिन 10.45 तक |
28 सितंबर |
दोपहर 03.22 से देर रात्रि 05.40 तक |
विघ्नकारक भद्रा योग
01 सितंबर |
सूर्योदय से दोपहर 03.56 तक |
06 सितंबर |
दोपहर 03.19 से देर रात्रि 04.05 तक |
10 सितंबर |
प्रात: 10.39 से रात्रि 11.50 तक |
13 सितंबर |
देर रात्रि 05.04 से 14 सितंबर सायं 05.32 तक |
17 सितंबर |
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सायं 04.28 से देर रात्रि 03.43 तक |
20 सितंबर |
रात्रि 09.32 से 21 सितंबर प्रात: 08.18 तक |
23 सितंबर |
रात्रि 12.39 से 24 सितंबर दिन 11.27 तक |
26 सितंबर |
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देर रात्रि 05.26 से 27 सितंबर दिन 04.38 तक |
30 सितंबर |
दोपहर 02.03 से देर रात्रि 02.04 तक। |
पंचक
14 सितंबर |
रात्रि 8.37 से, 18 सितंबर रात्रि अंत 04.18 तक। |
मूल-संज्ञक नक्षत्र
आश्लेषा मघा |
02 सितंबर देर रात्रि 01.52 से 04 सितंबर देर रात्रि 02.58 तक। |
ज्येष्ठा मूल |
12 सितंबर रात्रि 08.17 से 14 सितंबर रात्रि 11.47 तक। |
रेवती अश्विनी |
21 सितंबर सायं 06.46 से 23 सितंबर दिन 03.13 तक। |
आश्लेषा मघा |
30 सितंबर प्रात: 09.13 से 01 सितम्बर प्रात: 10.53 तक। |