बुधवार, 25 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. Gupt Navratri Remedies Upay 2022
Written By
Last Modified: गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022 (10:45 IST)

गुप्त नवरात्रि में कर लें ये 5 खास उपाय, कट जाएगा हर तरह का संकट, मिलेगा धन

गुप्त नवरात्रि में कर लें ये 5 खास उपाय, कट जाएगा हर तरह का संकट, मिलेगा धन - Gupt Navratri Remedies Upay 2022
Gupt Navratri 2022: माघ मास की गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी 2022 से आरंभ हो गई है। इस नवरात्रि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इन दिनों में की गई पूजा और साधना बहुत जल्दी ही फल देने वाली होती है। आओ जानते हैं कि इस गुप्त नवरात्रि में ऐसे कौनसे 5 उपाय करें कि माता प्रसन्न होकर सारे संकटों से मुक्त करके धन संबंधी समस्या का समाधान भी कर दे।
 
 
1. पहला उपाय : इन नवरात्रि में 9 कन्याओं को अच्छे से भोजन कराएं और उन्हें हरी चुनरी भेंट करें। इस उपाय से सभी तरह के संकट दूर होंगे।
 
2. दूसरा उपाय : इस नवरात्रि में चांदी की कोईसी भी वस्तु माता के श्रीचरणों में दान करें। इस उपाय से लक्ष्मी की प्राप्त होगी। 
 
3. तीसरा उपाय : 9 दिनों तक हवन करें। इस दौरान घी में कमलगट्टे को भिगोकर दुर्गासप्तशती का पाठ करते हुए आहुति दें। अंत में अर्थात महानंदा नवमी के दिन नौ कन्याओं को मखाने की खीर खिलाएं, उन्हें दक्षिणा दें और पैर छूकर आशीर्वाद लें। इससे आपको हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
 
4. चौथा उपाय : नवरात्रि में दुर्गासप्तशती के 12वें अध्याय के 21 बार पाठ करें। अंत में अर्थात महानंदा नवमी के दिन नौ कन्याओं को मखाने की खीर खिलाएं, उन्हें दक्षिणा दें और पैर छूकर आशीर्वाद लें। इससे आपकी बेरोजगारी का समाधान होगा और अच्छी नौकरी मिलेगी।
 
5. पांचवां उपाय : 10 महाविद्याओं की विधिवत सुबह और शाम को पूजा करें। दोनों वक्त की पूजा में लौंग और बताशे का भोग लगाएं। इसके साथ ही प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा स्थान पर अपने सामने एक मोती शंख पर केसर से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं रखें और स्फटिक की माला से निम्नलिखित मंत्र का जाप करें। मंत्रोच्चार के साथ एक-एक अक्षत शंख में डालते जाएं। लगातार 9 दिनों तक यह कार्य करें। नौ दिनों के बाद शंख और इन चावलों को एक सफेद थैली में रखकर अपनी तिजोरी में रख लें।
 
मंत्र:- श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:
ये भी पढ़ें
सरस्वती पूजा के साथ क्यों की जाती है तक्षक पूजा?