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Written By WD

इलाहाबाद कुंभ मेला 2013 : गंगा स्नान पर्व का महत्व

Allahabad Kumbh Mela 2013 Ganga Bathing | इलाहाबाद कुंभ मेला 2013 : गंगा स्नान पर्व का महत्व
PTI
प्रयाग इलाहाबाद में गंगा के किनारे पूरे 144 वर्ष के बाद महाकुंभ मेले का आयोजन हो रहा है। कुंभ का मेला प्रत्येक 12 वर्ष में आता है। इस तरह प्रत्येक 12 कुंभ पूरा होने के उपरांत एक महाकुंभ का आयोजन होता है जो 144 वर्ष के बाद आता है और वो प्रयाग में ही संपन्न होता है।

इस महाकुंभ का आयोजन अब पुनः 2013 में 14 जनवरी से 10 मार्च के बीच प्रयाग में संपन्न होने वाला है। ऐसे में गंगा स्नान का महत्व और बढ़ जाता है।

हिंदुओं के सभी तीर्थ नदियों पर बसे हैं। गंगा नदी हिंदुओं के लिए देवी और माता समान है। इसीलिए हिंदुओं के लिए गंगा स्नान का बहुत महत्व है। गंगा जीवन और मृत्यु दोनों से जुडी़ हुई है इसके बिना हिंदू संस्कार अधूरे हैं। गंगाजल अमृत समान है। इलाहाबाद कुंभ में गंगा स्नान, पूजन का अलग ही महत्व है। (Allahabad Kumbh Mela 2013 Ganga Bathing in hindi)

कुंभ में गंगा स्नान, पूजन का महत्व : अनेक पर्वों और उत्सवों का गंगा से सीधा संबंध है मकर संक्राति, कुंभ और गंगा दशहरा के समय गंगा में स्नान, पूजन, दान एवं दर्शन करना महत्वपूर्ण माना गया है। गंगाजी के अनेक भक्ति ग्रंथ लिखे गए हैं जिनमें श्रीगंगासहस्रनामस्तोत्रम एवं गंगा आरती बहुत लोकप्रिय हैं।

गंगा पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है तथा समस्त पापों का क्षय होता है। मान्यता है कि गंगा पूजन से मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। गंगा स्नान करने से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है। अमावस्या दिन गंगा स्नान और पितरों के निमित तर्पण व पिंडदान करने से सदगती प्राप्त होती है और यही शास्त्रीय विधान भी है।

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि कुंभ स्थल के पवित्र जल में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप-कष्ट धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगाजी में स्नान करने से सात्विकता और पुण्यलाभ प्राप्त होता है।