यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने किसे कहा 'लुंगी वाले' गुंडे
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए फिर से धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण के लिए अपनी बाउंसर फेंकनी शुरू कर दी हैं। प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने सपा का नाम लिए बगैर हमला बोला है। कह सकते हैं कि चुनावी मैदान तैयार करने में नेताओं की जुबानी जंग छिड़ गई है।
भाजपा पर सदा से चुनाव से पहले ध्रुवीकरण का आरोप लगता रहा है। शुक्रवार को प्रयागराज में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से विवादित बयान देते हुए समाजवादी पार्टी से जुड़े मुसलमानों को 'लुंगी छाप गुंडा' करार दे दिया है। मंच से भाषण के दौरान मुस्लिमों को लुंगी छाप गुंडा बताने पर समर्थकों ने जमकर तालियां बजाईं।
हाल ही में अयोध्या और काशी के बाद अब मथुरा की तैयारी पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद बयान के सुर्खियों में था, अब उन्होंने फिर से समाजपार्टी से जुड़े मुसलमानों पर कटाक्ष करते हुए लुंगी छाप गुंडा कह दिया।
प्रयागराज में व्यापारियों के मंडलीय सम्मेलन में भाषण के दौरान केशव प्रसाद मौर्य बोले कि जो जालीदार गोल टोपी लगाते हैं, उन गुंडों से 2017 से पहले व्यापारी डरे-सहमे रहते थे। केशव प्रसाद का सीधा आशय सपा से जुड़े मुस्लिम लोगों से था जो लुंगी और जालीदार गोल टोपी पहनते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने से पहले लुंगी और टोपी पहने हुए लोग गाड़ियों के काफिले के साथ असलहे लेकर सड़कों पर निकलकर दहशत फैलाते थे, जिनको देखकर लोग आतंकित हो जाया करते थे। लेकिन भाजपा की सरकार के बाद आमजन चैन से हैं, व्यापारियों के दिलों से भय निकल गया है और दहशतगर्द जेल पहुंच चुके हैं। भाजपा की सरकार में यह अब यह गुंडे ढूंढने से भी नहीं मिल रहे।
डिप्टी सीएम ने इशारों-इशारों में कहा कि 2022 का चुनाव आ रहा है, आप सभी को ध्यान रखना है की 2017 से पहले वाली स्थिति दोबारा ना आ जाए। समाजवादी पार्टी पर हमलावर होते हुए बोले कि यदि सपा से इन गुंडों को बाहर निकाल दो तो सपा में कुछ भी नहीं बचेगा। उन्होंने कांग्रेस को भी भष्ट्राचारी पार्टी करार दिया है।
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, जिसके चलते सभी पार्टियां जोर-शोर के साथ मैदान में उतर आई हैं। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल, आप समेत भाजपा उत्तर प्रदेश के जिलों में जाकर सभाएं और रैली करके चुनावी मैदान तैयार कर रहे हैं। देखना है कि विधानसभा चुनाव में आगे क्या क्या राजनीतिक बिसात बिछाई जाएगी।