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Written By Author अवनीश कुमार
Last Updated : बुधवार, 6 जनवरी 2021 (15:36 IST)

विकास दुबे पर थे कुछ थाना प्रभारी मेहरबान और अब गिर सकती है गाज...

Vikas Dubey | विकास दुबे पर थे कुछ थाना प्रभारी मेहरबान और अब गिर सकती है गाज...
कानपुर देहात। उत्तरप्रदेश के कानपुर में थाना चौबेपुर के अंतर्गत 2 व 3 जुलाई 2020 की मध्यरात्रि हुए बिकरू कांड की जांच में अब अपराधी विकास दुबे से मजबूत संबंध रखने वाले थाना प्रभारी की तरफ बढ़ रही है। इसी के चलते एक समय शिवली व रूरा थाने में तैनात रहे कुछ थाना प्रभारियों के ऊपर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो इन सभी थाना प्रभारियों को बिकरू कांड की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में पहले ही दोषी माना है और कार्रवाई करने की संस्तुति भी कर चुकी है। लेकिन कार्रवाई करने से पहले कानपुर देहात पुलिस ने भी अब इन दोनों थाने में तैनात रहे थाना प्रभारियों की कार्यप्रणाली की जांच करने के लिए कानपुर देहात के अकबरपुर सीओ संदीप सिंह को सौंपी है जिन्हें जल्द से जल्द कानपुर देहात के कप्तान को जांच रिपोर्ट देनी है।
 
कौन-कौन है जांच के दायरे में?- कानपुर देहात पुलिस सूत्रों की मानें तो अपराधी विकास दुबे से गठजोड़ के मामले में शिवली के थाना प्रभारी रह चुके लवकुश, संजय कुमार, राकेश श्रीवास्तव, सूबेदार व दीवान गिरी के साथ ही थाना रूरा में धर्मवीर सिंह जांच के दायरे में आ गए हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो इन सभी पर आरोप है कि वे विकास और उसकी गैंग के सदस्यों की मदद करते थे। इसीलिए उसके हौसले बुलंद होते गए और विकास के कहने पर ही ये सभी काम भी करते थे। इसलिए अगर पीड़ित विकास दुबे से जुड़े लोगों की शिकायत लेकर भी जाते थे तो उसकी सुनवाई नहीं होती थी। ये सभी थाना प्रभारी विकास के प्रभाव में थे जिसके चलते विकास दुबे पर बेहद नरम रुख अपनाते थे। 
 
एसआईटी ने भी माना था दोषी- बिकरू कांड के ठीक बाद जांच करने थाना शिवली पहुंची एसआईटी की टीम ने भी जांच के दौरान कई खामियां पकड़ी थीं और जिसकी एक रिपोर्ट शासन को भी प्रस्तुत की थी। इसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर बताया गया था कि थाना शिवली में तैनात रहे थाना प्रभारी विकास दुबे के प्रभाव में था जिसके चलते उस पर जल्दी कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी और वही थाना रूरा भी विकास दुबे से जुड़े लोगों पर बेहद मेहरबान था।
 
एसआईटी ने यहां तक कहा था कि थाना शिवली और रूरा थाने में उसके खिलाफ दिए गए प्रार्थना पत्रों की कहीं पर भी कोई लिखा-पढ़ी तक नहीं की गई है जिससे स्पष्ट है कि विकास को लेकर दोनों ही थाने के थाना प्रभारी कितना नरम रुख अपनाते थे। एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपने के बाद इन थानों में तैनात रहे थाना प्रभारियों पर कार्रवाई करने की संस्तुति भी की थी।
 
क्या बोले सीओ अकबरपुर- सीओ अकबरपुर संदीप सिंह ने बताया कि अधिकारियों के निर्देश के बाद कुछ थाना प्रभारियों की कार्यप्रणाली जांच करने की निर्देश मिले हैं। वे जांच कर रहे हैं और जल्द ही अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंप देंगे।
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