शनिवार, 28 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. विधानसभा चुनाव 2017
  3. उत्तरप्रदेश
  4. narendra modi varanasi roadshow
Written By
Last Updated : सोमवार, 6 मार्च 2017 (14:52 IST)

भाजपा के लिए इसलिए खास है विश्वनाथ का बनारस

भाजपा के लिए इसलिए खास है विश्वनाथ का बनारस | narendra modi varanasi  roadshow
वाराणसी, काशी या फिर बनारस। विधानसभा चुनाव के लिए यहां सातवें और आखिरी चरण में मतदान होगा, लेकिन उत्तर प्रदेश की यह धार्मिक नगरी छोटे-बड़े नेताओं से पटी हुई है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शनिवार से यहीं डटे हुए हैं। चूंकि मोदी वाराणसी संसदीय सीट से सांसद है, इसलिए भाजपा के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। क्योंकि यदि भाजपा यहां नाकाम हुई तो प्रधानमंत्री की क्षमताओं पर भी विरोधी सवाल उठाने में नहीं चूकेंगे। 
विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण में 40 सीटों पर 8 मार्च को चुनाव होना है। इनमें से आठ सीटें बनारस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं। अत: शेष बची इन सीटों पर सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। समाजवादी पार्टी और बसपा के दिग्गज भी यहां चुनाव जीतने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले तीन दिनों से वाराणसी में रोड शो और रैलियों को संबोधित कर रहे हैं।
 
सोमवार सुबह मोदी गढ़वाघाट आश्रम भी गए। यहां के अनुयायियों की संख्या 1 करोड़ के लगभग है। इनमें भी ज्यादातर यादव और दलित समुदाय से आते हैं, जो कि समाजवादी पार्टी और मायावती के परंपरागत वोटर हैं। अत: इस आश्रम में पहुंचकर नरेन्द्र मोदी ने सपा और बसपा के परंपरागत वोटरों में सेंध लगाने की कोशिश की है। 
 
मोदी के लिए बनारस संसदीय क्षेत्र की बहुत अहमियत है, इसलिए वे हर उस द्वार को खटखटा रहे हैं, जहां से उन्हें वोट मिलने की उम्मीद हैं। मोदी पूर्व के प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के आवास पर पहुंचे, जहां उन्होंने शास्त्री जी परिजनों के साथ भी कुछ वक्त बिताया। यहां से भाजपा यदि सभी सीटों पर जीतने में सफल रहती है, कहीं न कहीं लोगों में यही संदेश जाएगा कि मोदी की अपने क्षेत्र में लोकप्रियता बरकरार है। यदि इसके उलट हुआ तो निश्चित ही मोदी की छवि धूमिल होगी। 
 
लोग मानते हैं कि मोदी के कार्यकाल में बनारस में विकास हुआ है। शहर के रेलवे स्टेशन का भी कायाकल्प हुआ है और वहां एलईडी बल्ब बंटने के बाद बिजली की खपत घटी है। पूरे शहर में प्रधानमंत्री मोदी के बड़े बड़े कटआउट लगे हैं। वहां पोस्टरों में भाजपा गुंडाराज और भ्रष्टाचार को खत्म करने के नाम पर वोट मांग रही है। दूसरी ओर वाराणसी के मुस्लिम इलाकों में समाजवादी पार्टी की स्क्रीन वाली गाड़ियां लगी थीं जिन पर अखिलेश यादव का गुणगान हो रहा था।
 
जानकारों का मानना है कि भाजपा के लिए सभी आठों सीटें जीतना मुश्किल है, क्योंकि भगवा पार्टी को यहां टिकट वितरण से उपजे असंतोष का भी सामना करना पड़ रहा है। अत: पार्टी को भीतरघात का भी सामना करना पड़ सकता है।

जो नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव के समय एक दिन में पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण नापकर रात्रि विश्राम अहमदाबाद में करते थे, वे चार दिन से बनारस में डटे हैं। कुछ तो मायने हैं इसके। हालांकि सभी दल गलियों, मंदिरों और संस्कृति के शहर वाराणसी में हर हथकंडे अपना रहे हैं, मगर यह तो 11 सितंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा कि बाबा विश्वानाथ का आशीर्वाद किसे मिलेगा।