टॉस बना टी-20 विश्वकप में बॉस, ओस निकाल रही है हारने वाले कप्तान के आंसू
टी-20 विश्वकप जब से शुरु हुआ है तब से सिर्फ दो ही बात के लिए टीमों के कप्तान चिंतित रहते हैं। टॉस कैसे जीतेंगे, अगर टॉस जीत गए तो फिर भी ठीक है। लेकिन अगर टॉस हार गए तो ओस उनको टॉस हारने से भी बड़ी चिंता दे जाती है।
अगर सुपर 12 के मुकाबलों को देखें तो 10 में से 9 बार ऐसा हुआ है कि जिस टीम ने टॉस जीता है उसने अंत में मैच भी जीता है। सिर्फ बांग्लादेश और इंग्लैंड के मैच में ऐसा हुआ कि बांग्लादेश ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी और वह अंत में 8 विकेट से मैच हार गई।
कल के मैच में भी ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और गेंदबाजी चुनी और अतं में मैच 7 विकेट से जीतने में सफल रही। अब यह लगभग टैम्पलेट बन गया है। टॉस जीतो बॉलिंग लो और अंत में विजेता टीम की तरह मैदान से बाहर निकलो।
टॉस जीतकर गेंदबाजी ले रही हैं टीमेंज्यादातर टीमें टॉस जीतकर गेंदबाजी करना पसंद कर रही हैं। 8 बार ऐसी टीमों ने मैच भी जीता है। इसके अलावा सिर्फ अफगानिस्तान ही ऐसी टीम रही है जिसने टॉस जीतकर बल्लेबाजी की है और मैच जीतने में सफल रही है।
ओस के कारण हो रहा है यह सबदरअसल इन सबके पीछे जो कारण है वह है मैदान पर ओस की मौजूदगी। संयुक्त अरब अमीरात में इस बार मौसम 25 से 30 डिग्री का है और शाम को ओस की मौजूदगी रहती है। इससे गेंदबाजी करना काफी कठिन हो जाता है।ओस के कारण बाद में फील्डिंग करने वाली टीम के खिलाड़ियों के पास तौलिया भी दिखती है। वह बीच बीच में इसको पोंछते हुए भी दिखाई पड़ते हैं। लेकिन फिर भी गेंद ऐसी स्थिती में फिसल जाती है।
हालांकि कुछ मैच जो दिन की रोशनी में खेले गए हैं उसमें भी पहले गेंदबाजी करने का फैसला करने वाली टीम जीती है। सुपर 12 के पहले ही मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को 5 विकेट से हराया था। वहीं रविवार को भारत पाक मैच से पहले श्रीलंका ने भी बांग्लादेश को हराया था।
यही नहीं अभी दिन में जारी बांग्लादेश और वेस्टइंडीज के मैच में भी बांग्लादेश ने टॉस जीता है और गेंदबाजी करने का फैसला किया है। खबर लिखे जाने तक वेस्टइंडीज के इस मैच में भी खस्ता हालत है और वह 38 रनों पर 3 विकेट गंवा चुकी है। हैरत नहीं होनी चाहिए अगर यह मैच बांग्लादेश जीतकर वेस्टइंडीज को टूर्नामेंट से बाहर कर दे।
दोनों टीमें इस मैच में अंतिम एकादश में दो-दो बदलाव के साथ उतर रहीं हैं। बांग्लादेश ने सौम्य सरकार और तस्कीन अहमद जबकि वेस्टइंडीज ने रोस्टॉन चेज और जेसन होल्डर को मौका दिया है।
अब क्या सेमीफाइनल और फाइनल के विजेता का निर्णय होगा सिर्फ टॉस सेयह तो सिर्फ शुरुआत है आने वाले मैचों में भी टॉस जीतने वाला कप्तान डगआउट में ऐसे आता हुआ दिख सकता है कि जैसे मैच जीत गया है। क्योंकि नवंबर जैसे जैसे पास आएगा ओस का बढ़ना भी तय है। सेमीफाइनल और फाइनल में भी टॉस मैच के नतीजे पर बड़ा फर्क डाल सकता है। लेकिन यह क्रिकेट के लिए सही नहीं है।
टॉस का महत्व सिर्फ उतना होना चाहिए कि कौन पहले बल्लेबाजी करेगा कौन बाद में। लेकिन यूएई की पिच इतनी धीमी रहती है कि पहली पारी में रन बनाना बहुत मुश्किल होता है। यह दूसरी पारी के दौरान भी कुछ समय के लिए देखा जाता है लेकिन जैसे ही ओस आती है वैसे ही पिच बल्लेबाजों का स्वर्ग बन जाती है।