नई दिल्ली। देश के सर्वश्रेष्ठ गुरु महाबली सतपाल ने वर्ष 2014 को भारतीय कुश्ती के लिए बेहतरीन बताते हुए कहा है कि उनका लक्ष्य 2016 के रियो ओलंपिक में 5 पदक जीतना है।
द्रोणाचार्य अवॉर्डी सतपाल ने 2014 में भारतीय कुश्ती की उपलब्धियों और 2015 के लिए अपने लक्ष्यों की चर्चा करते हुए कहा कि मेरा मानना है कि भारतीय पहलवानों ने इस वर्ष उल्लेखनीय सफलताएं हासिल कीं। पुरुष और महिला पहलवानों ने एकसाथ बढ़िया प्रदर्शन किया, जो पहली बार हुआ। हम दुनिया के 6 शीर्ष देशों में पहुंचे और यह भी पहली बार हुआ।
महाबली सतपाल ने कहा की 2015 भारतीय कुश्ती के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दूसरे वर्ष ज्यादातर ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट होने हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे ज्यादा से ज्यादा पहलवान ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करें।
48 वर्षों से पूरी तरह कुश्ती के लिए समर्पित सतपाल ने कहा कि लंदन ओलंपिक में हमने कुश्ती में 2 पदक जीते थे लेकिन मैं यह लक्ष्य लेकर चल रहा हूं कि 2016 के रियो ओलंपिक में हम 5 पदक जीतें।
सतपाल के शिष्यों ने इस साल शानदार प्रदर्शन करते हुए ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों और इंचियोन एशियाई खेलों में पदक जीते। फीला के नए वजन वर्गों के बावजूद सुशील और योगेश्वर ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीते जबकि योगेश्वर ने एशियाड कुश्ती में भारत का 28 वर्षों का स्वर्ण सूखा समाप्त किया।
इन दो स्टार पहलवानों के अलावा अमित कुमार और बजरंग तथा महिला पहलवानों बबीता कुमारी और विनेश फोगाट ने भी तिरंगा बुलंद रखा। भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में 5 स्वर्ण सहित 13 पदक जीते। योगेश्वर का एशियाड स्वर्ण उल्लेखनीय सफलता रहा। सुशील रियो ओलंपिक में स्वर्ण जीतने को एकमात्र लक्ष्य बनाते हुए एशियाड में नहीं उतरे।
सुशील और योगेश्वर के अलावा अमित और बजरंग के भी गुरु सतपाल ने कहा कि फीला के नए वजन वर्ग बनाने के बाद हमने उसी के अनुसार अपनी रणनीति बनाई और पहलवानों को तैयार किया। इसका परिणाम सबके सामने हैं। मैंने, मेरी टीम, फेडरेशन और सरकार के संयुक्त प्रयासों से यह सफलता हाथ लगी है और इसके पीछे वर्षों की कड़ी मेहनत है।
सतपाल ने कहा कि सिस्टम अब बदल गया है और हमें उसी के अनुसार रियो ओलंपिक के लिए तैयारी करनी है। हम 2015 में इसी लक्ष्य को अपने सामने रखते हुए कदम बढ़ाएंगे।
महाबली सतपाल ने कहा कि मैं पिछले 48 वर्षों से देश और कुश्ती के लिए समर्पित हूं। जब मैं खेलता था तो मैं सिर्फ देश के लिए पदक जीतना चाहता था और अब मेरा एकमात्र लक्ष्य पहलवानों की ऐसी पौध तैयार करना है, जो भविष्य में देश के लिए ढेरों पदक जीत सकें।
उन्होंने कहा कि मेरे छत्रसाल स्टेडियम अखाड़े में लगभग 500 पहलवान हैं। मेरे 7 कोचिंग सेंटर में ढेरों पहलवान हैं। मेरा एक ही लक्ष्य है कि हर वजन वर्ग में 4-5 बेहतरीन पहलवान हों ताकि उन्हें देश में ही प्रतिस्पर्धा मिल सके। ऐसा सिस्टम बनाने से कुश्ती को दीर्घकालीन फायदा होगा।
लगातार नई तकनीक ढूंढने पर काम कर रहे गुरु सतपाल ने कहा कि हम हर वो नई तकनीक ढूंढ रहे हैं, जो विदेशी पहलवान इस्तेमाल करते हैं। इससे हमारे पहलवानों को काफी फायदा होगा।
सतपाल ने सफलता के मौजूदा दौर को आगे भी बनाए रखने पर जोर देते हुए कहा कि इस सफलता को बनाए रखना बड़ी चुनौती है। ओलंपिक, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पदक मिले इसे बरकरार रखना है, नई तकनीक से रूबरू होना है और कुश्ती को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। (वार्ता)