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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : मंगलवार, 20 अगस्त 2019 (19:34 IST)

स्टार रेसलर पूजा को अर्जुन अवॉर्ड, कोच कृपाशंकर और कुलदीप को दिया इस बात का श्रेय

स्टार रेसलर पूजा को अर्जुन अवॉर्ड, कोच कृपाशंकर और कुलदीप को दिया इस बात का श्रेय - Pooja Dhand
लखनऊ। टोकियो ओलंपिक खेलों में पदक जीतने का लक्ष्य रखने वाली भारत की स्टार पहलवान पूजा ढांड को जब देश के प्रतिष्ठित 'अर्जुन अवॉर्ड' के लिए चुना गया तो वे बेहद रोमांचित हो उठीं। उन्होंने कहा कि मुझे इस मुकाम तक पहुंचाने में कोच कृपाशंकर सर और कुलदीप सर की बहुत बड़ी भूमिका रही है।
 
पूजा ने कहा कि मैंने अपने कोच कृपाशंकर सर और कुलदीप सर से बहुत कुछ सीखा है। कृपा सर ने मुझे मूवमेंट, मोशन और कुश्ती की  तकनीक सिखाई। मैंने उनसे जो सबसे अच्छी बात सीखी है, वह है कि किसी विरोधी की बॉडी लैंग्वेज को कैसे पढ़ा जाए। उन्होंने मेरे  आत्मविश्वास में बहुत इजाफा किया है। तकनीकी रूप से निपुणता लाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं उनका धन्यवाद अदा करती हूं।
 
25 वर्षीय पूजा के मुताबिक मैं इस वक्त लखनऊ में नेशनल कैंप में हूं। जब मेरे कोच ने कहा कि तेरा नाम 'अर्जुन पुरस्कार' के लिए  नामांकित हो गया है तो मुझे बहुत खुशी हुई लेकिन मैं आधिकारिक रूप से आश्वस्त होना चाहती थी। ठीक 5 मिनट बाद मुझे बजरंग पूनिया की तरफ से बधाई संदेश मिला और साथ में उन्होंने अर्जुन अवॉर्डियों की पूरी सूची भेज दी। इसके बाद तो खुशी दोगुनी होना लाजमी थी।
 
पूजा ने अर्जुन पुरस्कार के लिए नामांकित होने के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह का आभार माना, जिन्होंने  उनकी वापसी में बड़ी भूमिका अदा की क्योंकि वे घुटने की चोट के बाद वापस कुश्ती के मैट पर आई थीं। पूजा ने कहा कि उन्होंने मुझे में  विश्वास भरा और मुझे प्रो. कुश्ती लीग के दूसरे सीजन में उतरने का मौका दिया। 
 
हरियाणा की रेसलर पूजा ढांड ने 2018 में गोल्ड कोस्ट में आयोजित राष्ट्रमंडल कुश्ती में 57 किलोग्राम भार समूह में भारत के लिए रजत  पदक जीता था। इसके बाद बूडापेस्ट में वह विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में भी 57 किलोग्राम में कांसे का पदक जीतने में सफल रहीं थी। 
 
2018 के पहले वे घुटने की चोट से जूझ रहीं थीं लेकिन उन्होंने धमाकेदार तरीके से वापसी की और अब अगले साल टोकियो ओलंपिक में खेलों में पदक जीतने के लिए कमर कस चुकीं हैं। 
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