कभी दूध के पैसे नहीं थे, अब एशियाड में जीता कुश्ती का पदक
प्रतिभा सुविधाओं और पैसे की मोहताज नहीं होती। यह साबित करके दिखाया है कि एशियाड में कांस्य पदक जीतने वाली महिला पहलवान दिव्या काकरान ने। दिव्या ने 68 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीता है।
एएनआई के एक ट्वीट के मुताबिक दिव्या ने कहा कि वह उस परिवार से आती हैं, जिसके पास कभी दूध खरीदने के पैसे भी नहीं हुआ करते थे। दिव्या ने कहा कि उन्होंने एशियाड में पदक जीता है। भले ही वे आज तीसरे स्थान पर रही हों, लेकिन एक दिन ऐसा भी आएगा जब वे पहले स्थान पर होंगी।
उन्होंने कहा कि मैं टोक्यो ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी और देश के लिए पदक जीतूंगी। गौरतलब है कि दिव्या ने रेपिचेज राउंड में कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में ताइवान की चेन वेनलिंग को 10-0 से हराया।
1998 में उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में जन्मी दिव्या कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। वर्तमान में वे पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुर इलाके में रहती हैं। वे अब तक विभिन्न प्रतियोगिताओं में 60 पदक जीत चुकी हैं।