मुनि नवरत्न सागर जी महाराज का देवलोक गमन
श्वेतांबर जैन तपागच्छ समुदाय के 74 वर्षीय मुनि नवरत्न सागर जी का चेन्नई से बेंगलुरु विहार करते समय देवलोक गमन हो गया।
मुनि नवरत्न सागर जी मूल रूप से राजगढ़ (धार, मध्यप्रदेश) के रहने वाले थे। उन्हें मालवा के नंदन और मालव भूषण की उपाधि दी गई थी।
शुक्रवार की रात वेल्लोर से विहार के दौरान उन्हें चोट लगी, वहां से तुरंत उन्हें चेन्नई अपोलो हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां रात 11.30 बजे डॉक्टरों ने गुरुदेव का देवलोक गमन होना घोषित किया। जैसे ही गुरुदेव की खबर आई सभी भक्तों के दिल को आघात लगा और आंखों को नम हो गई।
श्रावक वर्ग द्वारा चेन्नई से चार्टर प्लेन में गुरुदेव का पार्थिव शरीर इंदौर पहुंचने के बाद राजगढ़ ले जाया जाएगा। जहां रविवार सुबह उनका विराट डोल (पालकी) यात्रा प्रारंभ होकर भोपावर तीर्थ पहुंचेगी और वहीं पर अंतिम संस्कार होगा।