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  4. Sexual harassment without removing underwear will also be considered rape: High Court
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Last Modified: गुरुवार, 17 मार्च 2022 (16:13 IST)

अंडरवियर हटाए बगैर यौन उत्पीड़न भी माना जाएगा बलात्कार : हाईकोर्ट

रेप
शिलांग। मेघालय उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा है कि किसी महिला के अंतर्वस्त्र के ऊपर से भी उसका यौन उत्पीड़न करना बलात्कार माना जाएगा। 
 
उच्च न्यायालय ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 375 (बी) यह कहती है कि महिला के प्रायवेट पार्ट में कोई वस्तु डालना बलात्कार माना जाएगा।
 
उच्च न्यायालय की पीठ ने एक हालिया फैसले में कहा कि यदि यह स्वीकार कर लिया जाए कि याचिकाकर्ता ने पीड़िता के अंतर्वस्त्र पहने होने के बावजूद यह कृत्य किया है, तो भी यह धारा 375 (बी) के तहत अपराध की श्रेणी में आएगा। पीठ 2006 के एक मामले में एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
 
इस मामले में आरोपी को निचली अदालत ने 10 वर्षीय एक बच्ची का बलात्कार करने का दोषी पाया था। अदालत ने दोषी को 10 साल की कैद की सुनाई थी और उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। साथ ही, अदालत ने जुर्माना भरने में नाकाम रहने पर उसे अतिरिक्त 6 माह कैद में रखने का फैसला सुनाया था।
 
उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा व्यक्ति को दोषी ठहराए जाने के फैसले को 14 मार्च को बरकरार रखा। साथ ही, उसे सुनाई गई सजा में भी कोई बदलाव नहीं किया। आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने खुद पर से नियंत्रण खो दिया था और यह अपराध किया।
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