गंगा के उदगम स्थल को लेकर एनआईएच करेगा शोध
देहरादून। भले ही अभी तक गंगोत्री स्थित गौमुख को गंगा का उदगम स्थल माना जाता रहा हो लेकिन केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती इस उदगम स्थल को लेकर संशय में है और उन्होंने केन्द्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की को गंगा का वास्तविक उदगम स्थल पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
केन्द्रीय जल विज्ञान संस्थान के निदेशक राजदेव सिंह ने केन्द्रीय मंत्री को भरोसा दिया है कि वे ग्रीष्म ऋतु शुरू होते ही गंगा के उदगम स्थल विषय को लेकर अपने वैज्ञानिकों से शोध कार्य आरम्भ करा देंगे। दरअसल हाल ही में एक विदेशी जर्नल में विदेशी वैज्ञानिकों द्वारा गंगा का वास्तविक उद्गम स्थल मानसरोवर होने के दावा करने के बाद से केन्द्र सरकार हरकत में आई है।
वहीं केन्द्रीय जल संसाध्न मंत्री उमा भारती ने केन्द्र सरकार के प्रोजेक्ट नमामी गंगे के क्रियान्वयन का मुखय केन्द्र केन्द्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की को बनाने के संकेत दिए हैं।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि यह संस्थान जहां नमामी गंगे प्रोजेक्ट को वैज्ञानिक दृष्टि से गति देने का काम करेगा वहीं गंगा की स्वच्छता एवं अन्य नदियों को स्वच्छ बनाने की दिशा में भी लक्षित रूप में काम किया जाएगा।
सोमवार को सुबह दस बजे केन्द्रीय जल विज्ञान संस्थान पहुंची उमा भारती ने गंगा स्वच्छता के राष्ट्र व्यापी अभियान और उसकी सफलता को लेकर संस्थान निदेशक राजदेव सिंह से लम्बी वार्ता की और इस संस्थान के माध्यम से इस मिशन को पूरा करने का लक्ष्य दोहराया।
केन्द्रीय जल विज्ञान संस्थान को गंगा के उदगम स्थल का पता लगाने और गंगा स्वच्छता अभियान में वैज्ञानिक दृष्टि से सहयोग करने का जिम्मा मिलने से रुड़की एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं में आ गया है। इस दौरान उन्होंने संस्थान का निरीक्षण किया वहीं अपने हाथों से वृक्षारोपण करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
उमा भारती ने कहा कि इस संस्थान को गंगा स्वच्छता अभियान में सहयोग करना चाहिए ताकि राष्ट्रव्यापी इस अभियान को लक्षित गति मिल सके। उन्होंने दावा किया कि इस अभियान के तहत हरिद्वार से होकर जाने वाली गंगा पूरी तरह से स्वच्छ होकर रहेगी। (भाषा)