पहले गांवों को अंधेरों में धकेला, नक्सली अब कर रहे रोशन
जगदलपुर। अपनी कारगुजारियों से कई क्षेत्रों को अंधेरों में धकेलने वाले पूर्व नक्सली अब छत्तीसगढ़ के एक कॉलेज में प्रशिक्षण पाकर गांवों को रोशनी की राह पर ले जा रहे हैं। ये पूर्व नक्सली पहले बिजली के खंभे उखाड़ने से लेकर हर प्रकार की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कवायद में शामिल रह चुके हैं, लेकिन अब आत्मसमर्पण के बाद स्थानीय लाइवलीहुड कॉलेज में प्रशिक्षण लेकर अपनी नई जिंदगी जीने की कोशिश में हैं।
इस कॉलेज में कौशल उन्नयन की ट्रेनिंग ले रहे आत्मसमर्पित नक्सली राजमिस्त्री से लेकर इलेक्ट्रिशियन बनने जा रहे हैं। इलेक्ट्रिशियन की ट्रेनिंग ले चुकी इनकी एक टीम ने दरभा इलाके के 400 आबादी वाले गुड़ियापदर गांव के हर घर को सौर ऊर्जा से रोशन कर दिया है।
कॉलेज सूत्रों के मुताबिक इलेक्ट्रिशियन की ट्रेनिंग ले रहे छात्रों ने सौर ऊर्जा से चलने वाला एक इन्वर्टर बनाया है जिसके जरिए 2 बल्ब आसानी से जलाए जा सकते हैं। इन्वर्टर बनाने के बाद छात्रों ने गुड़ियापदर गांव को चुना, जहां अब तक बिजली नहीं पहुंची है।
गांव की कुल आबादी करीब 400 है और यहां 32 घर हैं। कॉलेज के 20 छात्रों ने इस गांव के हर घर में 2 बल्ब और सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाला इन्वर्टर मुफ्त में ही लगा दिया है। कॉलेज में वर्तमान में 250 से ज्यादा आत्मसमर्पित नक्सली ट्रेनिंग ले रहे हैं।
लाइवलीहुड कॉलेज के प्रभारी शरद गौड़ ने बताया कि कॉलेज में बस्तरिया बेरोजगारों और नक्सलियों को कौशल उन्नयन का कोर्स करवाया जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि बेरोजगारों के हाथों में कला आ जाए। (वार्ता)