आतंकी खतरे के मद्देनजर कश्मीर में सुरक्षा चाक-चौबंद करने की तैयारी
जम्मू। स्वतंत्रता दिवस को लेकर जम्मू कश्मीर में जो तैयारियां की जा रही हैं उनमें सबसे बड़ी तैयारी स्वतंत्रता दिवस को मनाने की नहीं है बल्कि स्वतंत्रता दिवस के दिन शांति बनाए रखने की है। अर्थात आतंकी हमलों से निपटने की खातिर तैयारियां की जा रही हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवादी सारे राज्य में उस दिन हमलों को अंजाम दे सकते हैं क्योंकि ऐसा करने के निर्देश उन्हें सीमा पार से मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव के कारण आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में नाकाम हो रहे हैं और उन्हें कुछ बड़ा करने की खातिर सीमा पार से दबाव डाला जा रहा है। खासकर हाल में कश्मीर में हुए ताजा आतंकी हमलों के बाद सुरक्षा एजेंसियां कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर हिंसा फैलाने तथा भयानक विस्फोट करने की सबसे बड़ी धमकी लश्करे तैयबा और जैशे मुहम्मद द्वारा दी जा रही है। यह भी सच्चाई है कि पिछली घटनाओं को देखते हुए लश्कर और जैश की धमकी को कम करके नहीं आंका जा सकता।
लश्कर और जैश के अगले निशाने क्या हैं वह आप ही इसे स्पष्ट कर रहा है। वह श्रीनगर के उस स्थल को उड़ा देने की धमकी दे रहे हैं जहां स्वतंत्रता दिवस की परेड होनी है। हालांकि सभी यह जानते हैं कि बख्शी स्टेडियम को आतंकी पिछले 30 सालों से लगातार निशाना बनाते आ रहे हैं और कई बार रॉकेटों के हमलों को यह स्टेडियम सहन कर चुका है। इसकी पुष्टि सुरक्षाधिकारी कर चुके हैं, जिनका हालांकि कहना है कि सभी उन प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है, जिन्हें आतंकी धमकी मिली है।
चौंकाने वाला तथ्य आतंकियों द्वारा बनाए जा रहे भयपूर्ण वातावरण का यह है कि आम नागरिक तो दहशतजदा हैं ही सुरक्षाकर्मी भी भयभीत हैं। सबसे अधिक खतरा लश्कर से है। डर इसलिए भी है कि लश्कर आतंक तथा दहशत फैलाने के लिए मानव बमों का इस्तेमाल करता रहा है।