34 नजरबंद नेताओं को सेंटूर होटल से MLA गेस्टहाउस शिफ्ट किया, बिल 3 करोड़ रुपए
श्रीनगर। श्रीनगर में सर्दियां बढ़ने के बीच जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 5 अगस्त से सेंटूर होटल में बंद 34 नजरबंद नेताओं को रविवार को विधायक अतिथिगृह भेजने का फैसला किया है क्योंकि होटल में पर्याप्त बंदोबस्त नहीं हैं। होटल में पिछले 100 दिन से रह रहे इन नेताओं का बिल 3 करोड़ रुपए आया है।
अधिकारियों ने कहा कि सर्दी की वजह से नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी और पीपुल्स कान्फ्रेंस नेताओं और जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा उनकी सुरक्षा में लगे जवानों की सेहत पर असर पड़ रहा है।
डल झील के किनारे स्थित होटल में 5 अगस्त को इन नेताओं को रखा गया था। उसी दिन सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने तथा राज्य को 2 केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था।
श्रीनगर समेत कश्मीर घाटी में सर्द हवाएं चल रही हैं। इस महीने की शुरूआत में मौसम की पहली बर्फबारी हुई। नवनिर्मित केंद्रशासित प्रदेश का प्रशासन शीतकाल के लिए श्रीनगर से जम्मू स्थानांतरित हो गया है।
इन राजनीतिक बंदियों में पीपुल्स कान्फ्रेंस के सज्जाद लोन, नेशनल कान्फ्रेंस के अली मोहम्मद सागर, पीडीपी के नईम अख्तर और पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को शुक्रवार को जाबेरवान रेंज की पहाड़ियों पर स्थित एक पर्यटक हट से शहर में एक सरकारी स्थान पर भेजा गया।
इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) के स्वामित्व वाले सेंटूर होटल ने इन लोगों के 100 दिन के आवास और अन्य खर्च का करीब 3 करोड़ रुपए का बिल गृह विभाग को भेजा है।
हालांकि प्रशासन ने सेंटूर होटल के बिल को खारिज करते हुए दलील दी है कि होटल को 5 अगस्त को एक सहायक अस्थाई जेल बनाया गया था और इसलिए सरकारी दरों पर भुगतान किया जाएगा।