• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. विधानसभा चुनाव 2018
  3. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018
  4. rahul gandhi surgical strike pm modi manmohan singh udaipur campaigning
Written By
Last Modified: शनिवार, 1 दिसंबर 2018 (15:29 IST)

मनमोहन सरकार में तीन बार हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक, राहुल गांधी ने मोदी पर साधा निशाना

मनमोहन सरकार में तीन बार हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक, राहुल गांधी ने मोदी पर साधा निशाना - rahul gandhi surgical strike pm modi manmohan singh udaipur campaigning
उदयपुर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ‘सैन्य फैसले’ को भी ‘राजनीतिक संपत्ति’ बना दिया है जबकि यही काम पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार ने तीन बार किया था।
 
इसके साथ ही राहुल ने नोटबंदी को ऐसा घोटाला बताया जिसका उद्देश्य छोटे कारोबारियों और दुकानों की रीढ़ तोड़ना था।
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने शनिवार को यहां एक संवाद कार्यक्रम में बैंकों की ‘गैर निष्पादित आस्तियों’ (एनपीए) को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि  ‘संप्रग सरकार ने जब मोदीजी को सरकार सौंपी तब एनपीए 2 लाख करोड़ रुपए था, जो चार साल में बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपए हो गया है। 
 
गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को लगता है कि दुनिया का सारा ज्ञान उनके ही दिमाग से आता है और बाकी दुनिया को कुछ नहीं मालूम। उन्होंने कहा कि मोदी युवाओं के लिए रोजगार सृजन के मुद्दे पर बुरी तरह विफल रहे हैं।
 
सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सेना के अधिकार क्षेत्र (डोमेन) में घुसते हुए उनकी सर्जिकल स्ट्राइक को राजनीतिक संपत्ति (एसेट) में बदल दिया जबकि वास्तव में यह एक सैन्य फैसला था।
 
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनावों में हार सामने दिखी तो मोदी ने एक ‘सैन्य संपत्ति को राजनीतिक संपत्ति’ में बदल दिया। उन्होंने कहा कि क्या आपको पता है कि मनमोहन सरकार ने भी तीन बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का स्पष्ट रुख है कि हम सैन्य मामलों में सेना की सुनते हैं, उनकी मानते है जबकि राजनीतिक मामलों में उसे प्रवेश की अनुमति नहीं देते। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी को लेकर हिन्दुस्तान की जनता ‘भ्रमित’ है।
 
उन्होंने कहा कि ‘नोटबंदी एक घोटाला था और इसका लक्ष्य सूक्ष्म व लघु कारोबार की, दुकानदारों की रीढ़ तोड़ना था, क्योंकि इससे अमेजन और रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों के लिए रास्ते खुल जाएंगे।
 
गांधी ने कहा कि वे उद्योगपतियों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन चाहते हैं कि अगर मोदी सरकार ने 15 लोगों के साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए माफ किए हैं तो हिन्दुस्तान के करोड़ों किसानों का भी वह ऋण माफ करे, उन्हें न्याय दे।'
 
उन्होंने कहा कि भारत बेरोजगारी की गंभीर समस्या से दो-चार है और प्रधानमंत्री किसी एक मुद्दे पर बुरी तरह विफल हुए हैं तो वह है युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने का मुद्दा।
 
उन्होंने कहा कि इस देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना है। उन्होंने कहा कि भारत के सरकारी संस्थान सबसे बेहतर है लेकिन उन्हें 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब ढालना होगा। (भाषा)