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Written By WD Feature Desk
Last Modified: मंगलवार, 28 जनवरी 2025 (13:15 IST)

सद्गुरु ने बताया क्या महाकुंभ में स्नान करने से मिलती है पापों से मुक्ति?

सद्गुरु ने बताया क्या महाकुंभ में स्नान करने से मिलती है पापों से मुक्ति? - Sadhguru On Mahakumbh Importance
Mahakumbh 2025: महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। हर 12 साल में आयोजित होने वाले इस मेले में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने और पूजा-पाठ करने के लिए आते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या सच में ऐसा होता है? आइए जानते हैं इस तर्क पर क्या हैं सद्गुरु के विचार।

सद्गुरु का क्या कहना है?
सोशल मीडिया पर आत्मज्ञानी योगी सद्गुरु का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो महाकुंभ में जाने का महत्व बता रहे हैं। सद्गुरु ने कहा है कि हर भारतीय को अपनी जिंदगी में एक बार महाकुंभ जरूर जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस बार सूर्य और बृहस्पति के खास योग के कारण प्रयागराज में महाकुंभ हो रहा है। यह 144 साल बाद का दुर्लभ संयोग है।

हालांकि, सद्गुरु ने यह भी कहा कि केवल एक दिन के लिए कुंभ जाकर डुबकी लगाने से पाप नहीं धुलते। उन्होंने यह भी कहा कि कुंभ में स्नान करने का मतलब ये नहीं है कि आप अपने हर कर्मों को धो रहे हैं।

कुंभ में स्नान का महत्व
सद्गुरु के मुताबिक, संगम में स्नान करने से न सिर्फ मन को शांति मिलती है, बल्कि शरीर को भी लाभ होता है। हमारा शरीर ज्यादातर पानी से बना है, और पवित्र संगम के जल में डुबकी लगाने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। अगर आप कुछ दिनों के लिए कुंभ में रुककर पूजा-पाठ करते हैं और संगम में डुबकी लगाते हैं तो इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।

महाकुंभ में अमृत स्नान का महत्व
महाकुंभ में अमृत स्नान को बेहद खास माना जाता है। अगर आप इस दिन स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं तो 2 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान कर सकते हैं। बता दें कि बसंत पंचमी माता सरस्वती को समर्पित होती है और इस दिन स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है।

भूत शुद्धि का महत्व
सद्गुरु का मानना है कि कुंभ मेला भूत शुद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कुंभ में आने से व्यक्ति के अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वह अपने अंदर के नकारात्मक विचारों से मुक्त हो जाता है।
सद्गुरु के अनुसार, महाकुंभ में स्नान करने का मतलब सिर्फ पाप धोना नहीं है। यह एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो व्यक्ति को अपने अंदर के सकारात्मक पहलुओं को खोजने में मदद करती है। महाकुंभ में आने से व्यक्ति को शांति, प्रसन्नता और आध्यात्मिक विकास प्राप्त होता है।