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Written By WD Sports Desk
Last Modified: शुक्रवार, 9 अगस्त 2024 (19:04 IST)

विनेश के साथी और रिश्तेदार घर वापसी के बाद संन्यास वापस लेने मनाएंगे

बबीता फोगाट ने चचेरी बहन विनेश से संन्यास के फैसले पर फिर विचार करने को कहा

विनेश के साथी और रिश्तेदार घर वापसी के बाद संन्यास वापस लेने मनाएंगे - Relatives to convince Vinesh Phogat to come out of retirement
राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता पहलवान बबीता फोगाट ने बृहस्पतिवार को अपनी चचेरी बहन विनेश से आग्रह किया कि कुश्ती से संन्यास लेने के अपने फैसले पर फिर से विचार करें।

विनेश को पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा वर्ग की स्पर्धा के स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले वजन मापने के दौरान 100 ग्राम अधिक पाया गया जिससे उन्हें अयोग्य करार दिया गया।

विनेश का ओलंपिक सपना चकनाचूर हो गया जिसके बाद 29 वर्षीय इस पहलवान ने अपने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती करियर को अलविदा कह दिया और कहा कि अब उनमें इसे जारी रखने की ताकत नहीं है।

पूर्व विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता बबीता ने PTI(भाषा) वीडियो से कहा, ‘‘2012 में मैं भी एशियाई चैंपियनशिप में नहीं खेल पाई थी क्योंकि मेरा वजन 200 ग्राम अधिक था। ऐसे कई अन्य उदाहरण हैं जिसमें पहलवानों को अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित किया गया है। पूरी दुनिया जानती है कि ऐसा कुश्ती के नियमों के कारण हुआ। ’’

बबीता ने कहा कि देश विनेश के कुश्ती को अलविदा कहने के फैसले से दुखी है और उम्मीद है कि वह अपने फैसले पर फिर विचार करेंगी और 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए ट्रेनिंग करेंगी।

बबीता ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी और 2028 में स्वर्ण पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत करेगी और अपनी मां और मेरे पिता का सपना पूरा करेगी। पिताजी (महावीर फोगाट) ने भी कहा है कि एक बार जब वह घर आएगी तो वह उसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और फिर से मैट पर उतरने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे।

विनेश से अनुरोध करता हूं कि वह दुखी मन से संन्यास लेने का फैसला नहीं लें: डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) प्रमुख संजय सिंह ने बृहस्पतिवार को हताश महिला पहलवान विनेश फोगाट से आग्रह किया कि वह ‘दुखी मन’ से खेल से संन्यास लेने जैसा फैसला नहीं करें।वह विनेश से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहते हैं।

पेरिस में निराशाजनक घटनाक्रम से विनेश का ओलंपिक पदक का सपना चकनाचूर हो गया। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती करियर को अलविदा कह दिया। इस 29 वर्षीय पहलवान को बुधवार को ओलंपिक में अपने 50 किग्रा वर्ग के स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

संजय सिंह ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘मुझे सोशल मीडिया पर विनेश के संन्यास के बारे में पता चला और मैं यह देखकर भी हैरान हूं कि उन्होंने खुद ही संन्यास लेने का फैसला किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारतीय कुश्ती महासंघ की ओर से उनसे आग्रह करूंगा कि वह दुखी मन से इतना बड़ा फैसला नहीं लें और इस निराशा से मानसिक रूप उबरने के बाद ही तर्कसंगत फैसला करें। हम उनसे इस बारे में बात करेंगे। ’’

विनेश ने खेल पंचाट (कैस) में 50 किग्रा वर्ग के ओलंपिक फाइनल से पहले अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील की है जिसमें उन्होंने संयुक्त रजत पदक देने की मांग की है।

पहलवान अंतिम पंघाल के बारे में पूछने पर संजय ने कहा कि अगर महासंघ को कुछ कोच के हस्तक्षेप के बिना काम करने की अनुमति दी जाती तो देश को इस स्थिति से नहीं गुजरना पड़ता। अंतिम ने अपने ‘एक्रिडिटेशन कार्ड’ (मान्यता कार्ड) के से अपनी बहन को ओलंपिक खेल गांव में प्रवेश कराने की कोशिश करके भारतीय ओलंपिक दल को शर्मसार किया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह हास्यास्पद है। भारतीय कुश्ती महासंघ को वह करने की अनुमति नहीं दी जा रही है जो हम चाहते हैं। हम अनुशासन बनाते हैं। हम चुने हुए कोचों को अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भेजते हैं। लेकिन कुछ अधिकारी मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं जिससे कुश्ती में अनुशासनहीनता हो रही है। ’’

डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने कहा, ‘‘हमें अपने हिसाब से काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए। अगर ऐसा होता तो इतनी शर्मिंदगी नहीं होती। ’’पंघाल बुधवार को महिलाओं की 53 किग्रा श्रेणी में अपना पहला मुकाबला हारने के बाद ओलंपिक से बाहर हो गई थीं।