बुधवार, 25 दिसंबर 2024
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Written By WD

नरेन्द्र मोदी : मानव या मशीन..!

Narendra Modi | नरेन्द्र मोदी : मानव या मशीन..!
शीर्षक भले ही थोड़ा अजीब लगे परंतु 63 वर्षीय नरेन्द्र मोदी की 'अति' सक्रिय दिनचर्या देखकर तो यही लगता है। भाजपा के तेजतर्रार नेता और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का दिन सुबह 5 बजे ही आरंभ हो जाता है। सुबह की शुरुआत मोदी योग अभ्यास और वॉकिंग के साथ करते हैं और उनका यह नियम कई सालों से बरकरार है। इसके बाद शुरू होती है मोदी की जनसभाओं की लंबी और थका देने वाली यात्रा की तैयारी। मोदी सुबह प्रमुख समाचार-पत्र पढ़ते हैं। इससे उन्हें दिनभर की रैलियों की तैयारी करने में मदद मिलती है। 
मोदी सुबह नाश्ते में दक्षिण भारतीय व्यंजनों का सेवन करना पसंद करते हैं। दोपहर और रात के खाने में मोदी को गुजराती भोजन जैसे रोटी, दाल, कढ़ी, चावल और सब्जी ही पसंद है, समय बचाने के लिए मोदी बाहर खाना न खाकर विमान या वाहन में ही भोजन करते हैं। भूख लगने पर मोदी हमेशा गुजराती व्यंजनों को ही तरजीह देते हैं। हलके-फुलके गुजराती नाश्ते को मोदी अपनी चुस्ती-फुर्ती का कारण बताते हैं।
 
नरेन्द्र मोदी कभी भी कोई ठंडा पेय पदार्थ नहीं लेते, उन्हें लगातार बोलना पड़ता है जिसकी वजह से उन्हें अपने गले का खास खयाल रखना पड़ता है। इसके लिए वे हमेशा हलका गर्म पानी ही पीते हैं। अपने गले के लिए वे कभी-कभी आयुर्वेदिक औषधि भी इस्तेमाल करते हैं।
 
इस समय भारत में गर्मी का मौसम अपने तीखे तेवर दिखाने लगा है, लेकिन मोदी पर मानो इसका कोई असर ही नहीं, चिलचिलाती और झुलसाने वाली गर्मी में भी मोदी पिछले एक महीने में 100 से अधिक चुनावी रैलियां संबोधित कर चुके हैं।
 
चुनावी रैलियों के दौरान स्थानीय मुद्दों और बिंदुओं के बारे में मोदी के सहयोगी उन्हें कागज के टुकड़ों पर गुजराती में महत्वपूर्ण सुझाव देते रहते हैं जिसे मोदी अपने अनुसार भाषण में इस्तेमाल करते हैं। यही नहीं मोदी की आईटी टीम उन्हें लगातार अपडेट रखती है। सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय मोदी के ट्विटर अकाउंट पर भेजे जाने वाले हर एक ट्विट को पहले मोदी पढ़ते हैं और उनकी अनुमति के बाद ही वो पोस्ट हो पाता है। 
 
वे कहीं भी रहे लेकिन गांधीनगर स्थित अपने इलेक्शन वॉर रूम से नियमित संपर्क में रहते हैं। यहां से उन्हें बराबर सूचनाएं मिलती रहती हैं और वे भी वॉर रूम को आवश्यक निर्देश देते रहते हैं। मोदी के बारे में उनके सहयोगियों का कहना है कि वे कभी भी गुस्से में कोई निर्णय नहीं लेते हैं और बेहद ठंडे दिमाग से किसी भी मुद्दे पर विचार-विमर्श करते हैं।
 
मोदी का दिन बेहद लंबा होता है और उन्हें सोने के लिए सिर्फ 4 घंटे मुश्किल से मिलते हैं। वे रात को एक बजे के बाद ही सोने जा पाते हैं और अगले दिन फिर से 5 बजे से उनकी दिनचर्या फिर से शुरू हो जाती है। ( साभार ET)
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