रात साढ़े 12 बजे का समय, व्हाट्सएप मैसेज की टोन सुनकर राजेश (बदला हुआ नाम) का हाथ मोबाइल पर चला जाता है, डीपी पर खूबसूरत लड़की का फोटो एवं मैसेज देखकर उसके चेहरे पर मुस्कान तैर जाती है। मैसेज कुछ इस तरह होता है- हैलो, वीडियो कॉल पर रोमांस करोगे, जी बोलो? फिर शुरू हो जाता है संदेशों के आदान-प्रदान करने का सिलसिला... फिर एक वीडियो कॉल भी आता है... राजेश वीडियो कॉल रिसीव करता है, सामने लड़की को देखकर उसकी खुशी सातवें आसमान पर होती है, लेकिन कुछ समय बाद एक और फोन आता है, जिसे सुनकर उसके होश उड़ जाते हैं।
सावधान! राजेश एक उदाहरण मात्र है। साइबर ठगों के जाल में ऐसे कितने ही लोग रोज फंसते हैं। दरअसल, इनके चंगुल में फंसकर वे हजारों-लाखों रुपए गंवा देते हैं। कई बार तो सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होने के डर से लोग आत्महत्या भी कर लेते हैं। सेक्सटॉर्शन की घटना के चलते पुणे में हाल ही में 2 युवकों ने खुदकुशी कर ली थी।
दरअसल, शांतनु वाडकर नामक युवक ने अंजान शख्स से मोबाइल चैट की और उसके कहे अनुसार नग्न फोटो भी शेयर कर दिए। इसके बाद सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू हो गया। इस मामले का अंत शांतनु की मौत के साथ हुआ, जिसने घर इमारत से कूदकर खुदकुशी कर ली। सेक्सटॉर्शन के चलते ही पुणे के ही राजू गायकवाड़ ने भी आत्महत्या कर ली थी।
कोरोना काल में बढ़े केस : नए जमाने के इन साइबर क्राइम की कोरोना काल के बाद से तो बाढ़-सी आ गई है। इनके लिए चाकू-तलवार या फिर तमंचे की जरूरत नहीं होती। हजारों मील दूर बैठकर भी इस तरह के अपराधों को अंजाम दिया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्तर के साइबर क्राइम एक्सपर्ट प्रो. गौरव रावल कहते हैं कि अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने पिछले साल यानी 2021 में टेक्निकल फ्रॉड के मामलों में 137 फीसदी की वृद्धि दर्ज की थी। वहीं नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2021 में साइबर क्राइम के कुल 52 हजार 974 मामले दर्ज किए गए। कुल दर्ज मामलों में से 32 हजार 230 यानी 60.08% मामले साइबर फ्रॉड के थे।
इस तरह के मामलों में व्यक्ति जागरूकता से ही बच सकता है। साइबर क्राइम एक्सपर्ट और मध्यप्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वरुण कपूर कहते हैं कि हमें कुछ भी डाउनलोड और अपलोड करते समय पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी अनजान कॉल को न उठाएं, वीडियो कॉल तो बिलकुल भी नहीं।
अनजान ई-मेल लिंक से डाउनलोड नहीं करें, सोशल मीडिया पर अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें अर्थात साइबर वर्ल्ड में अनजान लोगों से संपर्क न रखें। यदि कोई जान-पहचाना संदेहास्पद कॉल भी आता है तो उसकी पुष्टि संबंधित व्यक्ति से जरूर करें क्योंकि वह फेक भी हो सकता है।
एक मशहूर एंटीवायरस कंपनी नॉर्टन की एक रिपोर्ट के हवाले से प्रो. रावल बताते हैं कि पिछले एक साल में 27 मिलियन से ज्यादा लोगों (यानी हर 10 में से 4 लोग) ने महसूस किया कि किसी न किसी रूप में ऑनलाइन पहचान की चोरी के जरिए उनके साथ धोखाधड़ी हुई। शैक्षणिक संस्था सायबिंट के अनुसार भारत मे हर 39 सेकंड में एक हैकिंग अटैक होता है।
केन्द्र सरकार की कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT) के अनुसार 2019 में साइबर क्राइम से जुड़ी 3 लाख 94 हजार 499 घटनाएं हुईं, जबकि 2020 में यह आंकड़ा कई गुना बढ़कर 11,58,208 पर पहुंच गया। 2021 में यह ग्राफ बढ़कर 14 लाख से ज्यादा हो गया। वहीं 2022 के पहले दो महीनों में 2,12,285 मामले दर्ज किए गए। कोरोना काल में साइबर अपराध से जुड़े मामलों का ग्राफ बहुत ही तेजी से बढ़ा।
प्रो. रावल कहते हैं कि यदि सेक्सटॉर्शन या साइबर फ्रॉड से जुड़ी कोई घटना किसी के साथ हो जाती है तो व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए, धैर्य से काम लेना चाहिए। क्योंकि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66-ई के तहत बिना मर्जी के किसी का वीडियो या फोटो नहीं खींचा जा सकता। यदि आशय सहित किसी की प्रतिष्ठा बिगाड़ने का प्रयास किया जाता है तो इस धारा के तहत 3 साल की सजा एवं 2 लाख तक जुर्माना किया जा सकता है।